मुख्य बातें
-पुलिस में इन्वेस्टिगेशन मॉनिटरिंग सेल के गठन की मिली है स्वीकृति
जय बाबा केदार..!
View this post on Instagram
बिहार पुलिस में आपराधिक मामलों की जांच की निगरानी को लेकर एक नई टीम का गठन होने जा रहा है। बड़े आपराधिक मामलों की जांच में सहयोग के लिए बनाये जाने वाली इस टीम में पुलिस मुख्यालय रिटायर्ड पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों की भर्ती करेगा। ये टीम आपराधिक मामलों के इंवेस्टिगेशन और अपराधियों को जल्द सजा दिलाने की निगरानी करेगी।
जून महीने में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस बैठक में बिहार पुलिस में इन्वेस्टिगेशन मॉनिटरिंग सेल के गठन को लेकर स्वीकृति दी गई थी।
सभी पदों को भरने की कवायद तेज
राज्य मुख्यालय स्तर पर एक एसपी, सात डीएसपी, 13 इंस्पेक्टर, आठ एएसआई और 11 सिपाही के पद सृजित करने की स्वीकृति दी गई। इनके अलावा 21 कंप्यूटर ऑपरेटर और आठ चालक सिपाही का भी पद सृजित करने की भी घोषणा की गई। अब इन्वेस्टिगेशन मॉनिटरिंग सेल (आईएमसी) में इन सभी पदों को भरने की कवायद तेज हो गई है।
गृह विभाग ने समीक्षा बैठक में इस बाबत निर्देश दिया है। अपर मुख्य सचिव की ओर से दिए आदेश में कहा गया है कि इन्वेस्टिगेशन सेल के रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त अवर निरीक्षक और सहायक अवर निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी का पुनर्नियोजन किया जाए।
अधियाचना भेजने का निर्देश
पदाधिकारियों, सहायकों और अन्य कर्मियों की सीधी नियुक्ति या पदस्थापन होने तक रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त पदाधिकारियों और सहायकों के पुनर्नियोजन की विवरणी तैयार कर सामान्य प्रशासन विभाग को अधियाचना भेजने का निर्देश दिया गया है।
निगरानी कोषांग के तहत पटना रेंज को एक डीएसपी मिला
बताया जा रहा है कि टीम के गठन के साथ ही अनुसंधान निगरानी कोषांग की जवाबदेही भी तय कर दी गई है। अनुसंधान निगरानी कोषांग के तहत पटना रेंज को एक डीएसपी मिला है।
इसके अलावा प्रत्येक दो रेंज पर एक डीएसपी को जवाबदेही दी गई है। सभी डीएसपी के काम की निगरानी सीनियर एसपी रैंक के अधिकारी करेंगे।
अपराधियों को जल्द सजा दिलाने की होगी निगरानी
उल्लेखनीय है कि बिहार में आपराधिक मामलों की जांच को लेकर इस टीम का गठन किया जा रहा है जो आपराधिक मामलों के इंवेस्टिगेशन और अपराधियों को जल्द सजा दिलाने की निगरानी करेगी।
इसका नेतृत्व एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक यह सेल जिलों में अपराध नियंत्रण के उपाय और पेंडिंग मामलों की जांच की गति की मॉनिटरिंग करेगा।
अपराध नियंत्रण के लिए यह जरूरी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस टीम का मकसद जिला और थाना स्तर पुराने और लंबित मामलों का निपटारा तेज करना है। अपराध नियंत्रण के लिए यह जरूरी है कि पेंडिंग मामलों का जल्द अनुसंधान कर अपराधी को सजा दिलाई जाए।