मुख्य बातें
अब एक दिन बीच करके दफ्तर आएंगे तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मी
स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों पर लागू नहीं होगा सरकार का यह आदेश
राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज,सिनेमाघर व पार्क 31 तक बंद रखने का पहले ही जारी हो चुका है आदेश
पटना, देशज न्यूज। कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए बिहार सरकार ने रविवार को एक बड़ा फैसला लिया है। अब बिहार सरकार के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को रोज दफ्तर आने की जरुरत नहीं है। जब तक कोरोना वायरस का आतंक बना हुआ है तब तक उन्हें एक दिन बीच करके दफ्तर आना होगा। हालांकि सरकार का यह आदेश स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। राज्य सरकार ने इस आशय का आदेश रविवार को जारी कर दिया है। राज्य के प्रथम व द्वितीय वर्ग के अधिकारियों पर भी यह आदेश लागू नहीं होगा और उन्हें प्रतिदिन दफ्तर आना होगा।
विगत शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में तय किया गया था] राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान व अन्य शिक्षण संस्थान, सभी सिनेमाघर और पार्कों को आगामी 31 मार्च तक बंद रखा जाएगा। सरकार ने उसी दिन फैसला लिया था, सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी रोज दफ्तर आने की जरुरत नहीं होगी। तब कहा गया था] इस संबंध में अलग से आदेश जारी किया जाएगा।
सरकार के इस आदेश से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को अलग रखा गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को इस आदेश से अलग रखा गया है क्योंकि राज्य में कोरोना को लेकर इनके जिम्मे कई काम सौंपे गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की तृतीय श्रेणी के कर्मियों में सरकारी अस्पतालों की नर्स, कम्पाउण्डर, ड्रेसर समेत कई कर्मी आते हैं और इन्हें ऐसी स्थिति में छुट्टी नहीं दी जा सकती। सरकार ने कोरोना वायरस को लेकर 31 मार्च तक राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, सिनेमा हॉल, पार्क, जू, धरना- प्रदर्शन, रैली व आगंनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश पहले ही जारी कर दिया है।
शिवहर समेत पड़ोसी देश नेपाल की सीमा से लगे कई जिलों में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए धारा 144 लगा दी गयी है। बिहार में राजद, हम, भाजपा, कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने भी अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम और मीटिंग रद कर दी है।