मुजफ्फरपुर से एक बड़ी खबर है जहां शराब में जब्त लग्जरी गाड़ियां नीलामी से छिपाकर थानेदार उसपर ऐश कर रहे हैं। उसे घुमा रहे हैं। जब्त गाड़ियों में पुलिस वाले की मौज की बात उस वक्त सामने आया जब इसको लेकर सुपरिटेंडेंट ने एसएसपी को पत्र लिखा। पत्र आते ही, लग्जरी कार पर ऐश करने वालों की पोल खुल गई। विभाग में हड़कंंप मच गया।
जय बाबा केदार..!
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उत्पाद अधीक्षक संजय कुमार राय ने एसएसपी राकेश कुमार को पत्र भेजकर मामले की जानकारी दी और कार्रवाई का आग्रह किया है। उत्पाद अधीक्षक के आग्रह पर एसएसपी ने सभी थानेदारों 24 घंटे के अंदर कोडिंग से वंचित सभी वाहनों का ब्योरा उपलब्ध कराएं, ताकि इससे उत्पाद विभाग के अपर मुख्य सचिव को अवगत कराया जा सके। पढ़िए पूरी खबर
दरअसल ये मामला तब सामने आया जब शराबबंदी कानून के तहत जब्त की गयी एक गाड़ी को छुड़ाने के लिए वाहन मालिक से आवेदन दिया।
31 दिसंबर 2021 से पहले जब्त हुई गाड़ियों को मुक्त करने के लिए वाहन मलिक ने उत्पाद विभाग में आवेदन किया था। इसके बाद जब वाहन की तलाश की गई तो पता चला की पुलिस वाले उस वाहन का उपयोग कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, इन गाड़ियों का उपयोग सरकारी से लेकर गैर सरकारी कामों में किया जा रहा है। मुजफ्फरपुर में उत्पाद विभाग ने इसका खुलासा किया है।
शराब में जब्त लग्जरी गाड़ियां नीलामी से छिपाकर थाने की पुलिस ऐश कर रही है। सरकारी से लेकर गैरसरकारी काम इन गाड़ियों से होते हैं। इस राज का खुलासा मुजफ्फरपुर में उत्पाद विभाग ने किया है। उत्पाद अधीक्षक ने एसएसपी को पत्र भेजकर ऐसे पदाधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई की मांग की है।
ह ममाला उस समय सुर्ख़ियों में आया जब शराबबंदी कानून के तहत जब्त की गयी एक गाड़ी को छुड़ाने के लिए वाहन मालिक से आवेदन दिया।
वाहन मालिक ने 31 दिसंबर 2021 से पहले जब्त हुई गाड़ियों को मुक्त कराने के लिए उत्पाद विभाग में आवेदन गया। इसके बाद जब इन गाड़ियों की तलाश की गई तो पता चला कि गाड़ी का इस्तेमाल पुलिस वाले कर रहे हैं। उसके बाद उत्पाद विभाग की ओर से जांच कराई गई तो मामला उजागर हुआ।
उत्पाद विभाग के अधीक्षक ने एसएसपी को पत्र भेजकर ऐसे पदाधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद एसएसपी ने सभी थानेदारों चौबीस घंटे के अंदर कोडिंग से वंचित सभी वाहनों का ब्योरा उपलब्ध करने को कहा है, ताकि इससे उत्पाद विभाग के अपर मुख्य सचिव को अवगत कराया जा सके।
मामला तब सामने आया जब शराबबंदी कानून के तहत जब्त की गयी एक गाड़ी को छुड़ाने के लिए वाहन मालिक से आवेदन दिया। 31 दिसंबर 2021 से पहले जब्त हुई गाड़ियों को मुक्त करने के लिए वाहन मलिक ने उत्पाद विभाग में आवेदन किया था।
इसके बाद जब वाहन की तलाश की गई तो पता चला की पुलिस वाले उस वाहन का उपयोग कर रहे हैं। उत्पाद विभाग की जांच में सारी सच्चाई सामने आई।
इधर, इस मामले को लेकर 31 दिसंबर 2021 से पूर्व शराब में जब्त सभी गाड़ियों की कोडिंग कराने के लिए सभी थानेदारों को निर्देश दिया गया था। कई थानों में कोडिंग कराने में शिथिलता बरती गई।
इसके कारण कई लग्जरी गाड़ियां कोडिंग में छूट गईं। इससे उन गाड़ियों की नीलामी नहीं हुई। अब गाड़ी को जुर्माने पर मुक्त कराने के लिए आ रहे वाहन मालिक आवेदन दे रहे हैं।