पटना-गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को इश्तेहार जारी करने का आदेश दिया है। पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी को फोन मामले की जांच में जुटे आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने वारंट जारी होने के बाद भी आइपीएस को गिरफ्तार करने में असफल रही।
जानकारी के अनुसार, आदित्य कुमार को बचाने के लिए अभिषेक अग्रवाल ने पटना हाइकोर्ट का फर्जी जज बन कर डीजीपी एसके सिंघल पर रौब जमाया था। इसी मामले में वह फरार चल रहे हैं। मामले का जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) जारी वारंट पर उन्हें गिरफ्तार करने में असफल रही। इसके बाद इओयू ने पटना के एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक पदाधिकारी आदि देव की अदालत में उनके खिलाफ धारा 82 की प्रक्रिया के तहत इश्तेहार जारी करने का आग्रह किया था।
जानकारी के अनुसार, इओयू ने पटना के एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक पदाधिकारी न्यायमूर्ति आदि देव की अदालत में एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ धारा 82 के तहत इश्तेहार जारी करने का आग्रह किया। इसमें न्यायालय ने इश्तेहार जारी करने का आदेश जारी कर दिया है। वहीं आज कोर्ट में एसएसपी आदित्य कुमार के एंटीसिपेट्री बेल पर फैसला सुनाया जाना है।
दरअसल पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी समेत अन्य अफसरों को फोन मामले में अभियुक्त एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ बीते 4 नवंबर को वारंट जारी किया गया था।
इसके बाद गिरफ्तारी के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने डीएसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया। वहीं आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों के मुताबिक जालसाजी करने मामले में अभिषेक अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद आदित्य कुमार ने अपने मोबाइल को बंद दिया है।
इसकी वजह से फोन लोकेशन भी नहीं मिल रहा है। इओयू सूत्रों का कहना है कि आदित्य कुमार बिहार और उत्तर प्रदेश में ही कहीं भी छिपे हुए हैं। बताया जाता है कि आइपीएस आदित्य उत्तरप्रदेश के मेरठ निवासी हैं। इस कारण से उत्तर प्रदेश में भी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गई है।
इधर, पटना के एडीजे-21 के कोर्ट में आदित्य कुमार के अग्रिम जमानत आवेदन पर सुनवाई पूरी होने के बाद आदेश के लिए शनिवार तीन दिसंबर की तारीख तय की गयी है। इओयू मामले में अभी तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। भारतीय दंड संहिता (भादवि) की धाराएं 353, 387, 419, 430, 467, 468, 120 बी, आइटी एक्ट के तहत आदित्य कुमार समेत पांच को नामजद करते हुए मामला की जांच कर रही है।