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21 जून, 2024
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बिहार के सरपंचों के अधिकार पर सरकार की चलीं कैंची, अब यह नहीं कर पाएंगे सरपंच, विभाग ने लगाई रोक, सभी DM को पत्र

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नीतीश सरकार ने सरपंचों के अधिकार पर कैंची चला दी है। अब सरपंच वंशावली नहीं बना सकेंगे। इसको लेकर सरकार ने सभी DM को पत्र भेजा है। इसमें यह साफ कह दिया गया है कि सरपंच और ग्राम कचहरी को वंशावली बनाने का कोई अधिकार नहीं है। प्रदेश के कई जिलों से ऐसी शिकायत मिल रही थी कि ग्राम कचहरी या सरपंच की ओर से वंशावली तैयार की जा रही है।

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जानकारी के अनुसार,बिहार में अब ग्राम पंचायत के सरपंच वंशावली नहीं बना पाएंगे। पंचायती राज विभाग की तरफ से उनके अधिकार में कटौती करते हुए वंशावली पर रोक लगा दी गई है। अब सरपंच की ओर से बनाई गई वंशावली मान्य नहीं होगी।

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कहा गया है कि यह कार्य ग्राम कचहरी संचालन नियमावली 2007 के विरुद्ध है। पंचायती राज विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी आलोक कुमार ने 28 जुलाई को इस संबध में आदेश जारी किया है।

इसमें उन्होंने कहा है कि सरकार के पत्र के मुताबिक बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा 90 से धारा 120 तक में ग्राम कचहरी, उसके न्याय पीठों की स्थापना, शक्तियां, कर्तव्य और प्रक्रिया के संबंध में प्रावधान हैं।

सरपंच का काम मुख्यत ग्राम पंचायत स्तर पर उठने वाले छोटे-मोटे विवादों का सौहार्द्रपूर्ण निपटारा करने को हुआ है। अब जरूरत पड़ने पर संबंधित पंचायत के पंचायत सचिव वंशावली निर्गत करेंगें। वहीं इस आदेश से सरपंचों के बीच आक्रोश देखा जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, वंशावली की उपयोगिता अक्सर पैतृक जमीन के मामले में अधिक होती है। वंशावली पैतृक भूमि को रैयत के नाम से स्थानांतरण करने में काफी उपयोगी होती है। वंशावली बनाने के बाद स्पष्ट हो जाता है रैयत जिस भूमि पर स्वामित्व का दावा कर रहा है वह उस परिवार का सदस्य है।

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पंचायती राज विभाग के विशेष कार्य अधिकारी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 90 से 120 तक ग्राम कचहरी एवं उनके न्याय पीठों की स्थापना, शक्तियां,कर्तव्य प्रक्रिया के बारे में प्रावधान है।

वहीं, इस पत्र में यह साफ कह दिया गया है कि सरपंच और ग्राम कचहरी को वंशावली बनाने का कोई अधिकार नहीं है। प्रदेश के कई जिलों से ऐसी शिकायत मिल रही थी कि ग्राम कचहरी या सरपंच की ओर से वंशावली तैयार की जा रही है।

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इसी आधार पर अंचल कार्यालयों में रैयतों की ओर से पैतृक भूमि के बंटवारे का दावा किया जाने लगा। अलग अलग संस्थाओं से जारी वंशावली से भूमि विवाद बढ़ने लगे हैं।

ग्राम कचहरी का गठन मुख्य रूप से ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले छोटे-मोटे विवादों का सौहार्दपूर्ण निपटारा करने के उद्देश्य किया गया है। बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 एवं बिहार ग्राम कचहरी संचालन नियमावली 2007 में फौजदारी एवं दीवानी मामलों को छोड़कर अन्य किसी तरह के कार्य करने की जिम्मेदारी सरपंच को नहीं है। इसी वजह से ग्राम कचहरी या सरपंच की ओर से बनाई गई वंशावली मान्य नहीं होगी।

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