मई,10,2024
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Bihar Education Department News | बिहार के सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए अब अलग ग्रेडिंग सिस्टम, इस ग्रेड में आए तो देनी होगी दोबारा परीक्षा

अब सरकारी स्कूलों में कोई बच्चा नहीं होगा फेल। मगर, बच्चा वार्षिक परीक्षा में बेहतर और संतोषजनक अंक नहीं ला पाता है तो उस स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षक को ही जिम्मेदार माना जाएगा। साथ ही, ऐसे बच्चों के लिए अगल से व्यवस्था होगी जो मिशन दक्ष से पढ़कर अपने कमतर ग्रेड में सुधार करेंगे।

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Bihar Education Department News | बिहार के सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए अब अलग ग्रेडिंग सिस्टम, इस ग्रेड में आए तो देनी होगी दोबारा परीक्षा जहां बिहार शिक्षा विभाग ने सराकारी स्कूलों और उसके छात्रों के लिए काफी सुधारात्मक उपाय करने जा रही हैं।

Bihar Education Department News | सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने की पहल तेज

बिहार में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने की पहल तेज कर दी है गई। इसमें विभाग की ओर स्कूलों की ग्रेडिंग का भी फैसला तो पहले से था ही अब बच्चों यानि छात्रों को भी ग्रेड में बांट दिया गया है। इससे पहले स्कूलों में बच्चों के परीक्षा परिणाम के आधार पर उनकी ग्रेडिंग की जाती थी। मगर अब, इस ग्रेड में आने पर आपको फेल तो नहीं किया जाएगा लेकिन आपको दोबारा परीक्षा देनी होगी।

Bihar Education Department News | सरकारी स्कूलों में पहले पिछले सत्र तक यह होता था

जानकारी के अनुसार, पहले यह पिछले सत्र तक यह होता था कि पिछली वार्षिक परीक्षा में जिन बच्चों के डी और ई ग्रेड आते थे, उन पर इस साल विशेष ध्यान दिया जा रहा था। विभाग की कोशिश थी कि ऐसे बच्चे अर्द्धवार्षिक परीक्षा में बेहतर ग्रेड प्राप्त कर सकें।इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने गर्मी की छुट्टियों में डी और ई ग्रेड लाने वाले बच्चों के लिए समर कैंप का आयोजन कराया था, ताकि वे परीक्षा की अतिरिक्त तैयारी कर सकें। मगर, अब तरीका बदल गया है।

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Bihar Education Department News | सरकारी स्कूलों की परीक्षाओं में अब कोई भी बच्चे फेल नहीं होंगे

जानकारी के अनुसार, बिहार में अभी सरकारी स्कूलों के कक्षा पांच और आठ की वार्षिक परीक्षा चल रही है। इसके बाद कक्षा एक से चार व छह और सात के बच्चों का वार्षिक मूल्यांकन होगा। इन परीक्षाओं में अब कोई भी बच्चे फेल नहीं होंगे। ऐसा अभी विभागीय निर्देश आया है। इसमें अब बच्चे को फेल नहीं करते हुए कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को उनके अंक के आधार पर ग्रेड मिलेगा।

Bihar Education Department News | स्कूल के हेडमास्टर और शिक्षक ही माने जाएंगें जिम्मेदार

जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने कहा है कि स्कूलों में मिशन दक्ष के तहत कक्षा एक से आठ में वैसे बच्चों की पढ़ाई होगी जो विषयों को सही से समझ नहीं पा रहे। इनकी पढ़ाई कई स्तर पर कमजोर पाई गई हैं। ऐसे बच्चों के लिए प्रतिदिन कक्षाएं संचालित होंगी जहां कोई बच्चा वार्षिक परीक्षा में बेहतर और संतोषजनक अंक नहीं ला पाता है तो उस स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षक को ही जिम्मेदार माना जाएगा।

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Bihar Education Department News | जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर साबित हुए और परीक्षा में उन्हें डी और ई ग्रेड मिला

ऐसे में मान लीजिए जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर साबित हुए और परीक्षा में उन्हें डी और ई ग्रेड मिल गया तो इन्हें दो महीने तक दक्ष कक्षा में दाखिल किया जाएगा जहां ये सभी बच्चे पढ़ेंगे और परीक्षा की तैयारी करेंगे। दो महीनें की तैयारी के बाद इन बच्चों की फिर से परीक्षा ली जाएगी। इसके बाद इन्हें प्रमोशन मिलेगा।

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Bihar Education Department News | परीक्षा में शामिल होना होगा अब हर हाल में शामिल

शिक्षा विभाग ने कहा है कि वार्षिक परीक्षा और मूल्यांकन में डी और इ ग्रेड पाने वाले बच्चों को आगे की कक्षा में प्रमोट किया जाएगा, लेकिन उन्हें स्कूल प्रबंधन की ओर से दो माह बाद आयोजित होने वाली परीक्षा में शामिल होना होगा।

Bihar Education Department News | इतने अंक का है

ग्रेडिंग का सिस्टम यह है कि 81 से 100 फीसद मार्क्स लाने वाले अव्वल माने जाएंगें। यानि उन्हें ए ग्रेड मिलेगा। इसी तरह, 61 से 81 के बीच अंक लाने वाले छात्र बी ग्रेड में, 41 से 60 फीसद पाने वाले सी, 33 से 40 फीसद अंक प्राप्त करने वाले छात्र डी और शून्य से 32 फीसद अंक पाने वाले छात्रों का ग्रेड ई माना जाएगा। यानि, पहले तीस नंबर की पास मार्क्स को भी अब ग्रेड में शामिल कर दिया गया है।

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