बेनीपट्टी, मधुबनी देशज टाइम्स। देशज टाइम्स की बड़ी पड़ताल में बेनीपट्टी अनुमंडल कार्यालय स्थित कृषि व लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय का पूरा चरित्र सामने आ गया। यहां की व्यवस्था की खुलती पोल और उसके कर्मियों की काम के प्रति लापरवाही बड़ा संकेत देता है, जहां कार्यालय खुलने का दिन निर्धारित है, समय नहीं। और, वह दिन कोई और नहीं, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस है जिस दिन यह दफ्तर खुलता है। सिर्फ तिरंगा लहराने। बाकी के दिनों में यहां झूलते ताले (These two offices of Benipatti open two days a year to hoist the tricolor…) सबकुछ बयां करते मिलेंगे।
कार्यालय में झूलता ताला उस सच्चाई का एक नमूना भर है, जहां सरकार की नीयत और धरातल पर उसकी सूरत में फर्क साफ दिखता है। 10:45 बजे पूर्वाहन तक बेनीपट्टी अनुमंडल कृषि एवं लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय में झूलता ताला साफ बताता है, देश भले विश्व गुरु बनने की चाह पाले बैठा हो, लेकिन उसकी नींव पूरी तरह खोखली है। उसमें घुन लग चुका है।
कारण, अनुमंडल कृषि एवं लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय में रोज-रोज ताला झूलने की बात अब आम बात हो गई है। देशज टाइम्स की टीम ने जब कार्यालय खुलने के समय पहुंचकर वस्तुस्थिति से अवगत होने की कोशिश की तो सच्चाई टपक पड़ी। यह सच्चाई व्यवस्था में छुपे कामचोरी और लापरवाही की पराकाष्ठा के तौर पर सामने आई जहां 10:45 बजे पूर्वाहन तक बेनीपट्टी अनुमंडल कृषि एवं लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय में झूलता ताला साफ तौर पर चीख रहा है कि मैं निकम्मा हूं…पढ़िए पूरी खबर
पहले एक नजर डाल लीजिए देशज टाइम्स फोटो पर: बेनीपट्टी अनुमंडल कार्यालय स्थित कृषि व लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय में झूलता ताला ही नहीं, उसकी दीवारों को देखिए, रंगों उसकी जर्जरता को देखिए…खंडहरनुमा इसकी हालत…क्या व्यवस्था बदल पाएंगीं…शायद नहीं तो फिर क्या करना चाहिए…
सरकार लगातार प्रयासरत है कि सभी कार्यालय ससमय खुलें और आमजनों को जिला, प्रमंडल एवं राज्य स्तरीय कार्यालयों का चक्कर नही लगाना पड़े। लेकिन जब सरकार के मुलाजिम यह प्रण कर लें कि कोई कुछ कर लें हम नही सुधरेंगे साहब, तो क्या कहा जा सकता है।
यह केवल कहने के लिए नही, बल्कि हकीकत और सच्चाई है। जी, हां कुछ ऐसे कार्यालय हैं, जिनके साल में महज दो दिन ही खुलने की बात सामने आयी है, और कई कार्यालय ऐसे हैं जो खुलते तो हैं, लेकिन समय से नही। हम बेनीपट्टी अनुमंडल कार्यालय के एक भाग में स्थित अनुमंडल कृषि कार्यालय एवं अनुमंडल लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय की बात कर रहे हैं, जो सालों भर चर्चा में रहते हैं। बताया जा रहा है कि उक्त दोनों कार्यालय साल में महज दो दिन ही खोले जाते हैं, और वो शुभ दिन स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस है।
बांकी दिनों में उक्त कार्यालय में ताले झूलते दिखते हैं। इस बात की पड़ताल करने जब हमारे प्रतिनिधि राहुल कुमार झा मंगलवार पूर्वाहन 10:45 में जब अनुमंडल कार्यालय पहुंचे, तो अनुमंडल कार्यालय के एक भाग में अवस्थित अनुमंडल कृषि कार्यालय एवं लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय में ताले झूल रहे थे।
कहीं दूर दूर तक संबंधित कार्यालय के पदाधिकारी व कर्मी नही दिखें। जबकि, किसानों के लिए यह दोनों कार्यालय काफी महत्वपूर्ण है और वर्तमान में रवि फसल बुआई का कार्य शुरू है़, और ऐसे महत्वपूर्ण समय में इन दोनों महत्वपूर्ण कार्यालय का लगातार बंद रहना काफी दुर्भाग्यपूर्ण एवं लापरवाही है।
जबकि, रोपनी एवं बुआई के दौरान समस्या खड़ी होने पर किसान इन्ही कार्यालयों का चक्कर लगाते हैं और दोनों कार्यालय में ताला झूलता देख मायूस होकर अपने घर लौट जाते हैं। जबकि,अपनी समस्या लेकर कई किसान पहुंचे भी थे। सबसे गौर करने वाली बात तो यह है़ कि बगल में एसडीएम कार्यालय है़, बावजूद दोनों कार्यालय मनचाहे रूप से चलाये जा रहे हैं।
एसडीएम ने कहा: इस संबंध में पूछे जाने पर एसडीएम मनीषा ने बताया कि बात संज्ञान में नहीं था, जांच कर कार्रवाई की जायेगी।