मधेपुरा के बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज (BP Mandal Engineering College ) परिसर में सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) पर रोक लगाने के फैसले से बवाल हो गया है। छात्र 26 जनवरी को देवी सरस्वती की पूजा के लिए तैयारी कर रहे थे। मगर, प्राचार्य ने लिखित में कॉलेज में सरस्वती पूजा के लिए प्रतिमा स्थापित करने पर (Saraswati Puja) पर रोक लगा दी है। इस आदेश के बाद छात्रों में नाराजगी है। प्राचार्य के सार्वजनिक तौर पर सरस्वती पूजा पर रोक के फरमान से छात्र आक्रोशित हैं। आदेश में लिखा गया है कि अगर कोई ऐसा बिना अनुमति के करता है तो उसपर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आक्रोशित छात्रों ने बताया कि हम लोगों ने प्राचार्य ई. अरविंद कुमार अमर को आवेदन देते हुए कैंपस में सरस्वती पूजा मानने की मांग की थी लेकिन प्राचार्य ने सरस्वती पूजा में सार्वजनिक रूप से प्रतिमा स्थापित करने से मना कर दिया गया है। प्राचार्य अरविंद कुमार अमर ने बताया कि मूर्ति के बदले तीनों हॉस्टल में फोटो लगाकर पूजा करने की बात छात्रों ने मान ली है।
कॉलेज में सार्वजनिक रूप से पूजा करने से आसपास के लोगों से विवाद होने की संभावना ज्यादा बनी रहती है। इसको लेकर हमलोगों ने यह निर्णय लिया है कि महाविद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार का सार्वजनिक पूजा पाठ, धार्मिक अनुष्ठान से संबंधित आयोजनों पर रोक लगाई जाए। अगर किसी भी छात्र बिना अनुमति के मूर्ति अनुष्ठान करते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
आक्रोशित छात्रों के मुताबिक उन्होंने प्राचार्य अरविंद कुमार अमर को अप्लीकेशन देकर कैम्पस में सरस्वती पूजा करने की मांग की थी लेकिन प्राचार्य ने सरस्वती पूजा में प्रतिमा स्थापित करने की परमीशन नहीं दी जिसके बाद विवाद बढ़ गया। छात्रों का आरोप है कि प्राचार्य और फैकल्टी एसडी सिंह ने कुछ छात्रों के साथ मारपीट की और कई छात्रों को कमरे में बंद कर रिस्टीकेट करने की धमकी दी।
विश्वविद्यालय प्रशासन का साफ कहना है कि जिसे भी सरस्वती पूजा करनी है वो अपने-अपने कमरे में ही करें। सार्वजनिक पूजा से आसपास के लोगों से विवाद की आशंका है लेकिन छात्रों का गुस्सा नहीं थम रहा।