बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने बुधवार को विधानसभा में बहुमत सिद्ध कर दिया। मुख्य विपक्षी दल भाजपा के वॉकआउट के बाद भी सत्तापक्ष ने वोटिंग की मांग की। 243 सदस्यीय विधानसभा में सरकार को 160 विधायकों का समर्थन मिला। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी सरकार को समर्थन दिया।
जय बाबा केदार..!
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इस दौरान विपक्षी दलों ने सदन में जमकर हंगामा मचाया। विधानसभा में मौजूद रहे पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने एक दूसरे पर जमकर हमला बोला। सदन की अध्यक्षता डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने की। फ्लोर टेस्ट पर भाषण के दौरान भाजपा नेता तारकिशोर प्रसाद ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि राजद से गठबंधन कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनादेश का अपमान किया है। वहीं मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जवाब देते हुए सदन में सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि आपने कौन सा अच्छा काम किया है।
बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में भाजपा ने अपने नेता के नाम का ऐलान कर दिया है। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले विजय कुमार सिन्हा को भाजपा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया है जबकि विधान परिषद में भाजपा का नेता सम्राट चौधरी को चुना गया है। इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बुधवार शाम को पत्र जारी किया है।
बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पत्र जारी करते हुए बताया कि पार्टी कार्यालय में हुई भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में सर्वसम्मति से विजय कुमार सिन्हा को भाजपा विधानमंडल दल का नेता चुना गया है। साथ ही सम्राट चौधरी को बिहार विधान परिषद में भाजपा विधान परिषद दल का नेता चुना गया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र देते विजय कुमार सिन्हा को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने का आग्रह किया है।
विपक्ष की भूमिका में पहुंचने के बाद विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी को सदन में प्रतिनिधित्व देकर भाजपा ने बड़ा संदेश दिया है। पार्टी के इस पहल को सर्व समाज को साधने का प्रयास माना जा रहा है। विजय सिन्हा सवर्ण समाज और सम्राट चौधरी अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं।
सत्ता से हटने के बाद भाजपाने दोनों सदनों में अपेक्षाकृत युवा नेताओं का मनोनयन किया है। विजय सिन्हा जहां अगड़े (भूमिहार) जाति से हैं, वहीं सम्राट चौधरी कुशवाहा (पिछड़े) समाज से आते हैं। इन दोनों के मनोनयन से भाजपा ने जातिगत समीकरण को भी साधने की कोशिश की है। विजय सिन्हा ने विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपनी अच्छी छाप छोड़ी है। वे लखीसराय से चौथी बार विधायक हैं। वहीं विधान पार्षद सम्राट चौधरी को सरकार में मंत्री के साथ ही विपक्ष में रहने का भी खासा अनुभव है।
भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के पद पर पहले से पिछड़ा समाज के डा. संजय जायसवाल को बिठा रखा है। वहीं, अभी पार्टी की ओर से दोनों सदन में विपक्ष के मुख्य सचेतक और उप मुख्य सचेतक के नाम की घोषणा बाकी है। दोनों सदन में इन और चार पदों के जरिए पार्टी सामाजिक संतुलन को साधने का प्रयास करेगी। फिलहाल विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी को प्रतिनिधित्व देकर भाजपा ने जनता के साथ सत्ता पक्ष के आधार वोट बैंक में सेंध लगाने का काम किया है।
विधानसभा अध्यक्ष को भेजे पत्र में संजय जायसवाल ने कहा कि 23 अगस्त को शाम पांच बजे पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में सर्वसम्मति से विजय कुमार सिन्हा को भाजपा विधानमंडल दल का नेता चुना गया है। भाजपा अध्यक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से विजय कुमार सिन्हा को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने का आग्रह किया है।
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