Major Road Accident | 15 मई 2025 की सुबह लखनऊ के किसान पथ पर एक स्लीपर बस में भीषण आग लग गई। यह बस बिहार से दिल्ली जा रही थी। हादसे में 5 यात्रियों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए। ड्राइवर और कंडक्टर शीशा तोड़कर भाग निकले, जबकि अंदर यात्री फंसे रह गए।
आग इतनी भयानक थी कि 1 किलोमीटर दूर से दिखीं लपटें
हादसा सुबह 4:30 से 4:45 बजे के बीच मोहनलालगंज के पास हुआ।
10 मिनट में पूरी बस जलकर राख हो गई।
आग की लपटें इतनी तेज थीं कि 1 किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रही थीं।
टेक्निकल फॉल्ट या लापरवाही? शुरू हुआ जांच का दौर
यात्रियों और चश्मदीदों के अनुसार:
गियर के पास स्पार्क हुआ और वहीं से आग फैलनी शुरू हुई।
ज्यादातर यात्री उस समय नींद में थे।
ड्राइवर-कंडक्टर ने बिना किसी को चेताए भागने की कोशिश की।
बस में अतिरिक्त सीट होने से निकासी में बाधा आई, कई लोग फंस गए।
बचे यात्रियों की आपबीती: “अगर चेतावनी मिलती, तो जान बच जाती”
यात्री का नाम | बयान |
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अनुज सिंह | “मैं और मेरी पत्नी किसी तरह बाहर निकले, लेकिन चालक की सीट के पास लगी अतिरिक्त सीट में फंस गए थे।” |
रवि कुमार | “आग गियर के पास स्पार्क से शुरू हुई। ड्राइवर बिना बताए भाग गया।” |
तार चंद | “किसी को आवाज तक नहीं दी गई, बस धुएं की गंध से ही आग का पता चला।” |
पुलिस-प्रशासन हरकत में, ड्राइवर-कंडक्टर की तलाश जारी
स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस-फायर ब्रिगेड को सूचित किया।
फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियों ने आग बुझाई, लेकिन तब तक बस खाक हो चुकी थी।
FIR दर्ज, ड्राइवर और कंडक्टर की तलाश जारी है।
तकनीकी टीम जांच कर रही है कि आग का कारण मैकेनिकल फॉल्ट था या लापरवाही।
सरकार से मुआवज़े की मांग
मृतकों के परिजनों ने सरकारी मुआवज़ा और न्याय की मांग की है।
बस कंपनी की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं—क्या फिटनेस जांच हुई थी?
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बस संचालन व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
यह हादसा एक बार फिर सामने लाता है कि कैसे स्लीपर बसों में सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी की जा रही है। अगर ड्राइवर ने समय पर चेतावनी दी होती या आपातकालीन निकासी का प्रबंध बेहतर होता, तो शायद इन पांच लोगों की जान बचाई जा सकती थी।