नई दिल्ली, देशज टाइम्स। लोकसभा चुनाव में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी दो गुट में बट गई है। एक गुट शीला दीक्षित को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहा है, जबकि दूसरा गुट पीसी चाको के इस्तीफे की मांग कर रहा है।
पार्टी के अंदर चल रही यह अंतर्कलह अब बाहर आने लगी है। 17 जून को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम गोयल सहित कई और कांग्रेस पदाधिकारियों ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर शीला दीक्षित को पद से हटाने की मांग की है।
गोयल का मानना है शीला दीक्षित को दिल्ली की जनता पसंद नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित के नेतृत्व में लड़े गए चुनाव में दिल्ली की सातों सीट पर कांग्रेस को शिकस्त मिली है।
दीक्षित खुद अपनी भी सीट नहीं बचा पाई हैं। वह खुद तीन लाख से अधिक वोटों से चुनाव हार गई हैं। ऐसे में उन्हें पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा देना चाहिए।
शीला दीक्षित के समर्थकों का मानना था कि कांग्रेस अगर आम आदमी पार्टी के साथ जाती है तो उसे कम लाभ मिलेगा पर सत्तारुढ़ दल को ज्यादा फायदा हो सकता है। इसके साथ ही शीला धड़े का तर्क था कि पार्टी को अपने बूते ही फिर से खड़ा हो मजबूती से ताल ठोंकनी चाहिए। इससे कार्यकर्ताओं को मनोबल बढ़ेगा, जबकि माकन गुट का मानना था कि गठजोड़ कर दिल्ली में किसी न किसी सीट पर जीत हासिल हो सकती है और हताश कांग्रेस में जोश और उत्साह का संचार किया जा सकता है।
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