नई दिल्ली: 2 दिसंबर 2025 का पंचांग आपके दिन की योजना बनाने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करता है। यह आपको शुभ और अशुभ मुहूर्त, नक्षत्र, योग और करण के बारे में सूचित करता है, जिससे आप अपने महत्वपूर्ण कार्यों को सही समय पर शुरू कर सकें और संभावित बाधाओं से बच सकें। पंचांग ग्रहों की स्थिति का भी विवरण देता है, जो दैनिक जीवन में संतुलन और शांति बनाए रखने में सहायक होता है।
दिन का पंचांग विवरण
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के उपरांत त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ होगा। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों के प्रभाव को दर्शाता है। पंचांग हमें यह समझने में मदद करता है कि कौन सा समय किसी विशेष कार्य के लिए फलदायी रहेगा और किस समय हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है।
शुभ-अशुभ समय का ज्ञान
पंचांग के अनुसार, दिन के शुभ और अशुभ समय का ज्ञान ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित होता है। प्रत्येक दिन के लिए एक विशेष चौघड़िया मुहूर्त होता है, जो दिन को अलग-अलग भागों में विभाजित करता है। शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य सफल होते हैं, जबकि अशुभ मुहूर्त में कार्य करने से बचने की सलाह दी जाती है।
ग्रहों की स्थिति और प्रभाव
2 दिसंबर 2025 को ग्रहों की स्थिति का विशेष महत्व होगा। सूर्य, चंद्रमा और अन्य ग्रहों की चाल का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। पंचांग इन ग्रहों की स्थिति का विस्तृत विवरण देता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मकता और संतुलन बनाए रख सकता है।
नक्षत्र, योग और करण
पंचांग में नक्षत्र, योग और करण का भी उल्लेख होता है। ये सभी मिलकर दिन के स्वरूप का निर्धारण करते हैं। किसी विशेष नक्षत्र में किया गया कार्य उस नक्षत्र के स्वामी ग्रह के प्रभाव को प्राप्त करता है। इसी प्रकार, योग और करण भी शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष
यह पंचांग आपको 2 दिसंबर 2025 के लिए आवश्यक ज्योतिषीय जानकारी प्रदान करता है, ताकि आप अपने दिन का सदुपयोग कर सकें और महत्वपूर्ण निर्णयों में ज्योतिषीय मार्गदर्शन का लाभ उठा सकें।








