कुमार गौरव, मधुबनी देशज टाइम्स। ये है फुलहर। संपूर्ण भारत में इसकी गौरवशाली परंपरा जीवंत है। कारण, बिहार के मिथिला क्षेत्र के मधुबनी जिले का यह एक प्राचीन ऐतिहासिक स्थल है। इसकी संपूर्णता इसके सौंदर्य में है क्योंकि, यह वही स्थान है जहां भगवान राम और देवी सीता पहली बार मिले थे। यह मिथिला के राजा जनक का पुष्प उद्यान था। श्रीराम और माता जानकी के इस प्रेयसी मिलन का साक्षात् दर्शन कराती देवी भगवती का यहां एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे गिरिजा स्थान के नाम से जाना जाता है।
यहां स्थित यह गिरिजा मंदिर के इस स्थान का उल्लेख प्राचीन भारत के कई हिंदू ग्रंथों में मिलता है। इस स्थान को 2020 में बिहार सरकार की ओर से हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए पर्यटन केंद्र के रूप में मान्यता दी गई है। यह स्थान भगवान राम से जुड़ा, सर्किट का भी अभिन्न अंग है।
जानकारी के अनुसार, त्रेतायुग में फूल तोड़ने के दौरान फुलहर गांव में नर रूप में यहां जनक नंदनी माता सीता मैया का प्रथम मिलन हुआ था। हरलाखी प्रखंड के फुलहर में राजा जनक की यह फुलवारी है।
कहते हैं, मां जनक नंदनी सीता मैया यहां हर रोज फूल तोड़ने आती थी। और यहीं, भगवती गिरजा माता की पूजा करती थी। गिरजा माता राजा जनक की कुल देवी हैं। राजा जनक, माता सुनैना और जनक नंदनी सीता मैया रोज यहां फूल तोड़कर अपनी कुलदेवी की पूजा किया करती थी। फूल तोड़ के बाद बाग तराग में स्नान करती थी। गिरजा मंदिर में कुल देवी की पूजा करती थी।
इस परंपरा का साक्षात् दर्शन करने सालों से यहां देश-विदेश से श्रद्धालु भक्त सभी प्रकार की मनोकमना लेकर आते हैं। इन भक्तों की यहां मनोकामना पूरी होती है। गिरजा मंदिर के पीछे है कष्टहरणी पोखर। इस पोखर में स्नान करने से शारीरिक विकार दूर हो जाती है। मंदिर में नंद विराजते हैं। सच्चे मन से माथा टेक कर मन्नत मांगने से मन की मुरादें यहां पूरी होती है।
जिला मुख्यालय से है 45 किलो मीटर की दूरी पर यह अवस्थित है। यहां विदेशों से भी आप पहुंच सकते हैं क्योंकि आप दरभंगा तक हवाई जहाज से आ सकते हैं। दिल्ली से ट्रेन या फिर हवाई सेवा के सीधे पहुंच सकते हैं जिला मुख्यालय मधुबनी। जिला मुख्यालय से छोटी गाड़ियों से पहुंच सकते हैं गिरजा मंदिर। मंदिर का मनोरम दृश्य बार बार मजबूर करेगा गिरजा स्थान आने के लिए आपको प्रेरित।