बिहार सरकार शराब बंदी को लेकर पूरी तरह गंभीर है। लगातार नीतीश सरकार शराबबंदी को लेकर कठोर उपाय कर रही है।
अधिकारियों को महती जिम्मेदारी बार बार देने के बाद भी जब शराबबंदी का असर खासा नहीं दिखा है और लगातार विपक्ष के निशाने पर आने के बाद सरकार ने अब बड़ा फैसला किया है। शराब कारोबार पर पूर्ण लगाम लगाने की कवायद के बीच पूरे बिहार में अनुमंडल स्तर पर 36 नए उत्पाद थाना सरकार खोलने जा रही है।
शराबबंदी को मुस्तैदी से लागू करने के लिए नीतीश सरकार के इस बड़े फैसले के बाद 36 नए उत्पाद थाने खुलेंगे। इसके तहत, फिलहाल वैसे अनुमंडलों को खासतौर से चुना गया है, जहां अवैध शराब से जुड़ी गतिविधि काफी होती हैं। या फिर, शराबबंदी कानून के उल्लंघन से जुड़ी शिकायतें अक्सर आती रहती हैं।
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस बाबत में आदेश जारी कर दिया है। वर्तमान में बिहार में जिला स्तर पर 44 उत्पाद थाने है।
36 नये थाने खुलने के बाद उत्पाद थानों की संख्या बढ़कर 80 हो जायेगी। सरकार के इस फैसले से बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी कानून को मुस्तैदी के साथ लागू करने में मदद मिलेगी।
फिलहाल, उत्पाद थानों की संख्या 44 है जो सिर्फ जिला स्तर पर ही है। जिसे देखते हुए अब अनुमंडल स्तर पर उत्पाद थाने को खोलने का फैसला लिया गया है।
यह थाने उन अनुमंडल में खोले जाएंगे जहां से अवैध शराब से जुड़े मामले ज्यादा आते हैं। इस थाने के खुल जाने से शराब तस्करों पर लगाम लगाया जा सकेगा और सख्ती से कानून का पालन हो पाएगा।
राज्य के वैसे अनुमंडलों में उत्पाद थाना खोला जायेगा, जहां अवैध शराब का कारोबार अधिक होता है। जारी अधिसूचना के अनुसार, रानीगंज, दाउदनगर, कटोरिया, मंझौल, कहलगांव, पीरो, जगदीशपुर, डुमरांव, बेनीपुर, बिरौल, मधुबन, अरेराज, शेरघाटी, महम्मदपुर, बारसोई, गोगरी, उदाकिशनगंज, झंझारपुर, बेनीपट्टी, बड़हिया, तारापुर, हिलसा, पकड़ीबरावां, धमदाहा, विक्रमगंज, रोसड़ा, पटोरी, मशरक, सोनपुर, पुपरी, रून्नीसैदपुर, महाराजगंज, रघुनाथपुर, सिमराही, त्रिवेणीगंज और महुआ अनुमंडलों में उत्पाद थाने खोलने का प्रस्ताव है।
इन अनुमंडलों को मद्यनिषेध थाना क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि जिस क्षेत्र में उत्पाद पदाधिकारी को धारा-73 के अंतर्गत बिना वारंट की तलाशी की शक्ति प्रदान की गई है, वे क्षेत्र थाना क्षेत्र समझे जाएंगे। इन थाना क्षेत्रों में एफआईआर दर्ज करने से लेकर अन्य कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।