बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter Session) जारी है। इसमें भूमि दाखिल खारिज संशोधन विधेयक 2021 को पारित कर दिया गया। जिस पर भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय (Minister Ramsurat Rai) ने कहा कि इससे म्यूटेशन की प्रक्रिया सरल होगी और आम लोग ठगी का शिकार भी कम होंगे।
बिहार विधानसभा में बुधवार को शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बिहार भूमि दाखिल खारिज संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया। अब जमीन के दाखिल खारिज के साथ नक्शे में भी परिवर्तन हो जाएगा।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय का सदन में बताया

कि हम सदस्यों से भी जमीन का म्यूटेशन कराने की अपील करते हैं। नए कानून ने आम लोगों को काफी राहत मिलेगी। भूमि बिक्री में धांधली करने वाले अब अपने मंसूबे में कामयाब नहीं होंगे।
पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा ने श्रम संसाधन विभाग पर सवाल उठाया।
उन्होंने बोला कि जितने युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा, उन्हें रोजगार नहीं दिया जा रहा। अगर रोजगार दिया जा रहा, तो मंत्री इसकी सूचना दें। हालात ये है कि जिस कंपनी को रोजगार देने का जिम्मा दिया गया है, वो इसमें विफल हो रही। कंपनी सिर्फ 20 फीसदी राशि कटौती कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो रही। सरकार की ओर से बताया जाए- ऐसी व्यवस्था कब तक चलेगी।
श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने जवाब देते हुए कहा
कि कोरोना की वजह से परेशानी हुई। जितने लोगों को प्रशिक्षित किया गया, उसमें 15 फीसदी को रोजगार दिया गया। जो कंपनी प्रशिक्षण के बाद रोजगार नहीं देगी, उसे 20 फीसदी राशि की कटौती नहीं करने दी जाएगी। ग्रेडिंग के जरिए इसकी व्यवस्था की जा रही है।
इस मामले में सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा पर तंज कसते हुए कहा कि हमने सुना, आप बहुत लंबा चौड़ा बोले। आप भी मंत्री थे। क्या व्यवस्था थी, वह भी देख लीजिएगा। अगर अभी नए मंत्री से कहीं लेट हुआ है तो उसे दिखवा लिया जाएगा। नीतीश ने भाजपा, राजद, कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री को याद दिलाई उनके शासनकाल में क्या हो रहा था।
इससे पहले सदन शुरू होते ही विपक्ष ने शराबबंदी कानून को ठीक तरीके से पालन नहीं किए जाने को लेकर सरकार को घेरा। अन्य विपक्षी पार्टियों ने विश्वविद्यालय में घोटाले का मुद्दा उठाया। विधायक शकील अहमद ने कहा कि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार है जिसे सरकार का संरक्षण मिल रहा है। शराब एंबुलेंस से ढोई जा रही है। राजद विधायक भाई बीरेंद्र ने कहा कि एंबुलेंस से शराब की तस्करी हो रही है। सरकार फैसलों को पालन करने में असफल है। राजद विधायक राकेश रोशन ने कहा कि विधानसभा में शराबबंदी पीपल कानून पर कार्य स्थगन प्रस्ताव आज भी लाएंगे। बिहार में शराबबंदी कानून विफल है। सरकार की विफलताओं को सदन में पुरजोर तरीके से उठाएगी।
भाजपा विधायक संजय सरावगी हुए हमलावर
भाजपा विधायक संजय सरावगी ने विपक्ष के शराबबंदी कानून के खिलाफ सदन को बाधित करने पर कहा कि शराब का मुद्दा कोई मुद्दा नहीं है। सरकार कार्रवाई कर रही है। अपराध करने वालों को पूर्ण रूप से कोई नहीं रोक सकता है। जरूरी होता है कि अपराधी घटना के बाद कार्रवाई सरकार करती हैं या नहीं शराब के मामले मिलने पर सरकार कड़ी कार्रवाई कर रही है। भाजपा विधायक संजय सरावगी ने कहा कि अधिकारी विधायकों की बात नहीं सुनते हैं। विधायक दल की बैठक में यह मामला उठा है। इसको लेकर कई बार मुख्य सचिव स्तर तक पत्र लिखे गए हैं।
भाई बीरेंद्र और संजय सरावगी में गाली गलौज मामले में सदन में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि छोटी सी गलती देश की मीडिया में चल रही है। लोग हम से पूछते हैं, सदन की प्रतिष्ठा बढ़े यह सभी की जिम्मेदारी है। जनप्रतिनिधियों को अग्नि परीक्षा देनी पड़ रही है। हमें कलंकित करने का लगातार प्रयास हो रहा है। कल विधान परिसर में जो भी हुआ ठीक नहीं हुआ। सदन की गरिमा को बनाए रखें। इसके बाद अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
यह मिलेगा प्रस्ताव पास होने का लाभ
जमीन की खरीद फरोख्त में होने वाले फर्जीवाड़े और जालसाजी को रोकने के लिए नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा कदम उठा दिया है। विधानसभा में बुधवार को बिहार भूमि दाखिल खारिज (संशोधन) विधेयक 2021 पारित कर दिया गया। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा कि नए प्रावधान से अब नक्शे का भी दाखिल खारिज होगा। डिजिटल रूप से भूखंड की वास्तविक स्थिति क्रेता को पता चल सकेगी।
अब दाखिल खारिज के समय दस्तावेज के साथ जमीन के उस हिस्से का नक्शा भी जुड़ जाएगा, जिसकी खरीद बिक्री हुई है। जमीन के बदले स्वरूप की चौहद्दी भी दर्ज होगी। दाखिल खारिज के मौजूदा नियम में जमीन की वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं मिलती है। इससे भूमि विवाद का कारण बन जाती है। विधेयक के पारित होने के बाद बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं अधिनियम 2011 एवं नियमावली 2012 में संशोधन हो गया है।
डिजिटल फार्म में दर्ज होगा नक्शा
इस कार्ययोजना के तहत सभी अंचल कार्यालय में सर्वे राजस्व नक्शा को साफ्टवेयर के जरिए डिजिटल फार्म में तैयार किया जाएगा। दाखिल खारिज की याचिका के साथ जमीन के हिस्से का नक्शा शामिल किया जाएगा। इस नक्शा को जमीन की रजिस्ट्री के समय भी डीड में लगाना होगा। अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज के समय डीड के साथ भूखंड का नक्शा भी जमा करना होगा। इस व्यवस्था से रजिस्ट्री के समय ही साफ हो जाएगा कि किसी जमीन के किस हिस्से की बिक्री हुई है। इस तरह के सभी याचिका की जांच राजस्व कर्मचारी करेंगे। उनके संतुष्ट होने के बाद ही दाखिल खारिज की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।