केंद्र की मोदी सरकार पर सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरूपयोग के आरोप के बीच विपक्षी दलों ने इसका काट शुरू कर दिया है। सीबीआई पर नकेल कसने की योजना बनाते हुए तमिलनाडु ने अब बड़ा एक्शन लिया है।
जय बाबा केदार..!
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को तमिलनाडु में जांच के लिए अब राज्य सरकार की सहमति लेनी होगी। अब तक के नियम के तहत सीबीआई बिना राज्य सरकर की अनुमति के तमिलनाडु में जांच कर सकती थी।
तमिलनाडु के बिजली मंत्री और डीएमके नेता वी सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद ही तमिलनाडु सरकार ने बड़ा निर्णय किया है।
तमिलनाडु से पहले नौ राज्य जिनमें पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, मिजोरम, पंजाब, तेलंगाना भी शामिल हो गया है जहां सरकारों की तरफ से ऐसे फैसले लिए जा चुके हैं। अब बिहार में भी यह मांग उठने लगी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले की जांच के तहत मंगलवार को तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी और कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर छापे मारे थे। इसके बाद ही तेजस्वी यादव दो दिन पहले ही आशंका जता चुके हैं कि उनकी भी ऐसी हालत हो सकती है।
जानकारी के अनुसार, अब सीबीआई को तमिलनाडु में किसी प्रकार की जांच के पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। इस तरह तमिलनाडु भी अब भारत के उन नौ अन्य राज्यों में शामिल हो गया है जहां सीबीआई को बिना राज्य सरकार की अनुमति के जांच का अधिकार नहीं है।
सीबीआई को राज्य में जांच करने की ‘आम सहमति (जनरल कंसेंट)’ वापस लेने के पीछे ज्यादातर राज्यों का तर्क है कि केंद्र सरकार सीबीआई का दुरूपयोग कर रही है। वहीं, अब बिहार में यह मांग मुखर है जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मोदी सरकार के खिलाफ इसी महीने 23 जून को विपक्षी दलों की पटना में बैठक है।
वहीं, बिहार में भी लालू यादव और उनके परिजनों तथा निकटवर्ती लोगों के खिलाफ अक्सर सीबीआई-ईडी जैसी एजेंसियों की छापेमारी होती रही है। राजद नेताओं की ओर से भी बिहार में सीबीआई की एंट्री बैन करने की मांग की जा रही है।
राजद नेता शिवानंद तिवारी ने भी सीबीआई के दुरूपयोग का मामला उठाया था। वहीं बिहार विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा था कि सीबीआई और ईडी की विश्वसनीयता पूरे देश में समाप्त होती जा रही है। इनका दुरूपयोग राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में किया जा रहा है, इसलिए बिहार में सीबीआई की एंट्री पर नीतीश कुमार को बैन लगाना चाहिए।