Madhubani News। Basopatti News। सरकार, जंगल के बीच इस स्कूल में एक बूंद पानी नहीं है…न पीने ना मिड डे मिल पकाने को, उधार में पड़ोसी के घरों से पानी आ रहा…विभाग है कि मलाई मारके सोया है, पूरा सिस्टम ही बेपटरी है सरकार| जरा आइए, हम आपको ले चलते हैं, मधुबनी बासोपट्टी प्रखंड स्थित कोरियापट्टी गांव। यहां, एक विद्यालय है। यह बिहार की शिक्षा व्यवस्था और विभागीय बड़े फंसानें के ताने हैं जहां, इस स्कूल में ऐसा भी होता है। यहां पानी के लिए तरस (Water crisis in Madhubani school) रहे बच्चे क्या पढ़ाई कर पाएंगें इस भीषण गर्मी के बीच।
Madhubani News। Basopatti News। हद यह, पूरा स्कूल ही जंगलों के बीच घिरा है।
हद यह, पूरा स्कूल ही जंगलों के बीच घिरा है। यहां चापाकल प्रायः खराब रहता है। इतना ही नहीं, यहां बीमारी और भी है। विद्यालय से सटा नलजल योजना का बीमार जलमीनार भी है। बगल में तीन सरकारी चापाकलें हैं, मगर सब के सब खराब।
Madhubani News। Basopatti News। चापाकल खराब, जलमीनार पड़ा बेकाम, बुझेगी प्यास? कौन बुझाएगा सरकार
बासोपट्टी प्रखंड स्थित कोरियापट्टी गांव के कन्या प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को पानी के लिए तरसने का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी अनुसार विद्यालय के पास एक चापाकल है जो प्रायः खराब रहता है। वहीं विद्यालय से सटा नलजल योजना का जलमीनार है जो विगत कई महीनों से खराब है।
Madhubani News। Basopatti News। जलमीनार से जलापूर्ति भी लंबे समय से बंद है
जलमीनार से जलापूर्ति भी लंबे समय से बंद है। साथ ही विद्यालय के महज बीस मीटर की दुरी पर अन्य दो चापाकल है जो वर्षो से बंद है। पानी की किल्ल्त के कारण मजबूरन विद्यालय प्रबंधन व बच्चों को आसपास के घरों से पानी लेना पड़ रहा है।
Madhubani News। Basopatti News। कहते हैं, कुछ नहीं होगा, कुछ किया ही नहीं जा सकता
पीएचईडी के प्रखंड स्तरीय जेई को उक्त समस्या से दर्जनों बार अवगत कराया गया है। बावजूद अभी तक समस्या का सामाधान नहीं हो पाया है। ग्रामीणों की माने तो विगत कुछ महीने पहले उनलोगों ने मरम्मत दल को सूचना कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया था, लेकिन विभागीय पेंच के कारण उनलोगों ने यह कहते हुए असमर्थता जताया कि चापाकल उखाड़ गाड़ का प्रावधान नहीं है। इसलिए, कुछ नहीं किया जा सकता है।
Madhubani News। Basopatti News। बच्चों को पानी पीने के लिए भी तरसना पड़ रहा है।
गांव के वार्ड सदस्य की माने तो उनका कहना है कि जलमीनार पर लगी पानी टंकी क्षतिग्रस्त है। इसकी सूचना कई बार दी गई है, लेकिन विभागीय जेई ने उस पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। वर्तमान में विद्यालय में मिड डे मिल से भोजन बनाने व बच्चों को पानी पीने के लिए भी तरसना पड़ रहा है।