Darbhanga News: Junior को HEADMASTER की कुर्सी, Senior के साथ खेल…यही है Kusheshwarsthan शिक्षा का Model | जहां, कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में दर्जनों ऐसे विद्यालय हैं, जहां वरीय के रहते कनीय एचएम (model of education। DeshajTimes.Com) बने हुए हैं। एचएम के प्रभार में बने हुए हैं। यह कैसे मुमकिन है। कैस हो रहा है। यह सवाल है। जो पूछे जा रहे हैं। शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्नचिह्न है।
आइए जानते हैं, आखिर कुशेश्वरस्थान पूर्वी में ऐसा मामला कहां, किस-किस स्कूलों में हैं जहां, वरीय की उपेक्षा है। कनीय की चांदी है। इस फेहरिस्त में नामों की कमी नहीं है।प्राथमिक विद्यालय गढेपुरा, तिलकपुर,प्राथमिक विद्यालय पिपराही,मध्य विद्यालय सुघराईन , मध्य विद्यालय बाघमारा, मध्य विद्यालय हरिनाही, मध्य विद्यालय महादेव मठ सहित दर्जनो ऐसे विद्यालयहै जहां वतीय शिक्षक के रहते कनिय शिक्षक एचएम के प्रभार में बने हुए हैं।
तय है, प्रधानधयापक के लिए सरकार की ओर से निर्धारित मापदंड की खुलकर अनदेखी हो रही है। प्रखंड के प्लस टू एवं मध्य विद्यालय तथा प्राथमिक विद्यालयों में आज भी वरीय शिक्षक रहने के बावजूद कनीय शिक्षक प्रधानाध्यापक का कार्य लंबे समय से कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव के आदेश के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पूर्व में ही कनीय को प्रभार से हटाने का निर्देश दिया था। आदेश के महीनों बीत जाने के बाद भी पूर्वी प्रखंड के एक दर्जन से अधिक प्लस टू,मध्य विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जहां आज भी कनीय शिक्षक ही एचएम की कुर्सी पर बैठे हैं।
जानकर बताते हैं, एचएम बनने एवं बने रहने के लिए राजनीतिक एवं आधिकारिक उच्च पहुंच के साथ ही विभाग के स्थानीय और वरीय अधिकारियों को खुश रखना पड़ता है।अधिकारियों की नाराजगी होते ही वैसे कनीय शिक्षक के नाम की चिठ्ठी वरीय शिक्षक को प्रभार देने के लिए तत्काल निकल जाती है। इस बात की चर्चा इन दिनों प्रखंड में शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों में बढ़चढ़ कर हो रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक मध्य विद्यालय जहां वरीय शिक्षक एचएम के प्रभार में थे, वहां दबाब देकर वरीय से कनीय को एचएम का प्रभार दिलाया गया। इसको लेकर शिक्षक ने प्रखंड में आवेदन भी दिया लेकिन अंत मे थक-हार कर बैठ गए।
इस संबंध में बीईओ राम भरोस चौधरी ने स्वीकार किया कि कुछ स्कूलों में लंबे समय से कनीय शिक्षक प्रधानाध्यापक हैं, जिन्हें बाढ़ की समस्या के निदान के बाद ही हटाया जाएगा। बीईओ श्री चौधरी ने यह भी बताया कि पिछले सप्ताह एक दो स्कूलों में इस तरह की सुधार के लिए चिठ्ठी जारी की गई है।
इधर, डीपीओ स्थापना संदीप कुमार रंजन ने कनीय शिक्षक के प्रधानाध्यापक बने रहने की जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि अभी तक किसी प्रकार की कोई शिकायत नही मिली है। अगर ऐसा है तो तुरंत बीईओ को निर्देशित कर वरीय शिक्षक को प्रभार दिलाया जायेगा।
साथ ही, उन्होंने बताया कि वरीय शिक्षक को एचएम का प्रभार देने के लिए चिट्ठी निकाली गई है। अगर इसका उल्लंघन हो रहा है तो कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि जो भी वरीय हैं उन्हीं को एचएम का प्रभार में रहने दिया जाएगा। अगर इसके बाद भी ऐसा कोई है कि वरीय के रहते कनीय एचएम के प्रभार में हैं तो समीक्षा की जाएगी। वरीय को एचएम का प्रभार दिया जाएगा।