बिहार में BPSC परीक्षा में धांधली और पेपर लीक के आरोपों ने एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। इस मुद्दे पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके परिवार पर तीखा हमला किया है।
लालू-राबड़ी राज में भ्रष्टाचार के आरोप
- मंगल पांडेय ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव ने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दिया।
- उन्होंने 1997 में लालू द्वारा डॉ. लक्ष्मी राय को BPSC का चेयरमैन बनाने का जिक्र किया। डॉ. राय पर इंजीनियरिंग एडमिशन घोटाले में सीबीआई जांच चल रही थी।
- 2000 में पद पर रहते हुए डॉ. राय को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।
- 2004 में राम सिंहासन सिंह को BPSC का चेयरमैन नियुक्त करने का मामला भी उठाया गया। पांडेय ने दावा किया कि लालू-राबड़ी राज में प्रशासनिक पदों की बिक्री होती थी।
नीतीश बनाम लालू राज की तुलना
- पांडेय ने कहा कि लालू-राबड़ी के शासनकाल में भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दिया गया, जबकि नीतीश सरकार में दोषियों पर कार्रवाई होती है।
- उन्होंने 2005 में एनडीए सरकार बनने के बाद BPSC के चेयरमैन राम सिंहासन सिंह और 8 अन्य कर्मियों की गिरफ्तारी को उदाहरण बताया।
तेजस्वी यादव पर तंज
- मंगल पांडेय ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वे BPSC अभ्यर्थियों की भावनाओं का इस्तेमाल कर अपने माता-पिता के भ्रष्टाचार के कलंक को धोने की कोशिश कर रहे हैं।
- उन्होंने तेजस्वी से पूछा कि क्या वे यह स्वीकार करेंगे कि उनके माता-पिता के कार्यकाल में BPSC को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया गया था।
BPSC में पेपर लीक और धांधली का विवाद
- हाल के वर्षों में BPSC की 67वीं प्रारंभिक परीक्षा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक के आरोप लगे हैं।
- परीक्षार्थियों ने इन धांधलियों के खिलाफ प्रदर्शन किया और परीक्षा रद्द करने की मांग की।
- मंगल पांडेय ने कहा कि नीतीश सरकार पेपर लीक और धांधली के मामलों में कार्रवाई करने में पीछे नहीं हटती।
राजनीति और युवाओं का मुद्दा
BPSC विवाद ने बिहार की राजनीति को गर्म कर दिया है। जहां एक ओर विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है, वहीं सत्ता पक्ष लालू-राबड़ी राज के भ्रष्टाचार को उजागर कर नीतीश राज की पारदर्शिता का दावा कर रहा है।
परीक्षार्थियों की मांग और सरकार की कार्रवाई इस विवाद का भविष्य तय करेगी।