पटना/दरभंगा | बिहार सरकार द्वारा अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में ‘दीदी की रसोई’ योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना की शुरुआत दरभंगा और किशनगंज जिलों से की जाएगी। इसके बाद इसे राज्य के सभी अल्पसंख्यक विद्यालयों में लागू किया जाएगा।
जीविका और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बीच हुआ करार
बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और जीविका के बीच मंगलवार को एक अनुबंध हुआ, जिसके तहत विद्यालयों में भोजन व्यवस्था, पोशाक आपूर्ति, वस्त्र धुलाई और परिसर की सफाई की जिम्मेदारी जीविका दीदियों को दी गई है।
📌 अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी:
- राजेश कुमार (विशेष कार्य पदाधिकारी, जीविका)
- डॉ. आमिर आफाक अहमद फैजी (अपर सचिव सह निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग)
📌 अनुबंध के तहत शामिल सेवाएं:
✅ जीविका दीदियों द्वारा भोजन (DiDi Ki Rasoi) तैयार किया जाएगा
✅ पोशाक की आपूर्ति
✅ विद्यालय परिसर की सफाई व्यवस्था
✅ वस्त्रों की धुलाई सेवा
📌 अनुबंध के दौरान मौजूद अधिकारी:
- मुकेश तिवारी (प्रबंधक, गैर-कृषि, जीविका)
- सुधांशु (प्रबंधक, गैर-कृषि)
- रौशन कुमार (प्रबंधक, संचार)
- हिमांशु, मारुति नंदन, जीशान खान आदि
क्या है ‘दीदी की रसोई’ योजना?
‘दीदी की रसोई’ योजना महिला सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाएं सरकारी संस्थानों में भोजन उपलब्ध कराएंगी। इस योजना का उद्देश्य है:
🔹 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना
🔹 स्वच्छ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना
🔹 रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
यह योजना पहले से ही सरकारी अस्पतालों और कुछ विद्यालयों में चलाई जा रही थी, अब इसे अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में भी लागू किया जाएगा।
बिहार के सभी अल्पसंख्यक विद्यालयों में जल्द होगी योजना लागू
पहले चरण में यह योजना दरभंगा और किशनगंज में शुरू की जा रही है, जिसके बाद इसे पूरे बिहार के अल्पसंख्यक विद्यालयों में विस्तारित किया जाएगा।
📢 अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों के छात्रों को क्या लाभ मिलेगा?
✅ पौष्टिक और स्वच्छ भोजन मिलेगा
✅ महिला समूहों को रोजगार मिलेगा
✅ विद्यालय परिसर की स्वच्छता में सुधार होगा
✅ छात्रों की जीवनशैली में सुधार होगा