Kolkata Murder Case में दरभंगा से बड़ी गिरफ्तारी हुई है। CDR से नाम आया – निखिल पासवान! पश्चिम बंगाल में हत्या, गिरफ्तारी दरभंगा से, मोबाइल चोरी या हत्या की साजिश? जांच जारी है…बंगाल पुलिस की टीम दरभंगा पुलिस की मदद से घनश्यामपुर पहुंची और गिरफ्तारी की…
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दरभंगा के घनश्यामपुर से युवक गिरफ्तार, हत्या केस में नामजद
पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक हत्या के मामले में दरभंगा जिला के घनश्यामपुर थाना क्षेत्र से निखिल पासवान नामक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी दक्षिणी कसरौड़ गांव का निवासी है। पुलिस की टीम ने स्थानीय थाना की मदद से उसे घर से दबोच लिया।
रीता दास की एफआईआर पर कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, निखिल पासवान जो दक्षिणी कसरौड़, घनश्यामपुर का रहने वाला है।कांड संख्या: 800/24, कालना थाना, पश्चिम बंगाल का आरोपी है। शिकायतकर्ता रीता दास (मृतक मिलन सिंह की पत्नी) ने मामले की एफआईआर दर्ज कराईं हैं। दरभंगा पुलिस के सहयोग से घनश्यामपुर से निखिल की गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तारी टीम में बंगाल पुलिस (अवर निरीक्षक पार्थ प्रतिम मंडल) शामिल थे।
क्या निखिल निर्दोष है या मोबाइल से जुड़ी है हत्या की साजिश??
जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल के कालना थाना में दर्ज कांड संख्या 800/24 में निखिल पासवान का नाम सामने आया था। यह मामला मिलन सिंह की पत्नी रीता दास की शिकायत पर दर्ज हुआ था। जांच के दौरान कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) से निखिल की संलिप्तता के प्रमाण मिले। पुलिस का कहना है कि इस मामले में तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तारी की गई है। ऐसे में कई सवाल सामने हैं, क्या निखिल निर्दोष है या मोबाइल से जुड़ी है हत्या की साजिश?
गिरफ्तारी कैसे हुई?
बंगाल पुलिस टीम में पुलिस अवर निरीक्षक पार्थ प्रतिम मंडल शामिल थे। उन्होंने घनश्यामपुर थाना से समन्वय कर स्थानीय थानाध्यक्ष अजीत कुमार की मौजूदगी में गिरफ्तारी की। शनिवार को सभी कागजी कार्यवाही पूरी कर आरोपी को बंगाल ले जाया गया।
गिरफ्तार युवक निखिल ने कहा-“मैं निर्दोष हूं”
गिरफ्तारी के वक्त निखिल पासवान ने मीडिया और पुलिस के सामने कहा:
“मैं आज तक कभी कोलकाता गया ही नहीं हूं। मैं मुंबई से घर लौट रहा था, रास्ते में मेरा मोबाइल खो गया था। मुझे फंसाया गया है, मैं निर्दोष हूं।”
क्या आगे की जांच में नया मोड़ आ सकता है?
मोबाइल चोरी की कहानी और आरोपी की कोलकाता न जाने की दलील पुलिस जांच को नए मोड़ पर ले जा सकती है। अब देखना होगा कि बंगाल पुलिस आरोप सिद्ध करती है या आरोपी की दलीलें जांच में साबित होती हैं।