पटना, देशज न्यूज। कोरोना से लगातार बचाव के लिए सरकार काम कर रही है। बाहर से आए प्रवासी बिहारियों को रखने के लिए ब्लॉक स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। ताकि सामूहिक तौर पर इनके आने से गांवों में कोरोना का संक्रमण नहीं फैल सके। लेकिन नीतीश सरकार के उनके ही विधायक अपनी ही सरकार के इंतजाम पर सवाल उठा रहे हैं। कहते हैं- मुख्यमंत्री जी, आपके सुशासन की सरकार प्रवासी मजदूरों से ऐसा बर्ताव क्यों कर रही है?
उन्हें कैदियों की तरह स्कूलों में बंद कर दिया जा रहा है और भिखारियों की तरह भोजन दिया जा रहा है। यह बोल हैं डुमरांव के विधायक ददन पहलवान के। वो कहते हैं कि उन्हें सूचना मिली थी कि उनके इलाके के एक स्कूल में प्रवासी मजदूरों को बंद करके ऐसा व्यवहार किया जा रहा है।
आगे जब उनको इससे भी ठंडक नहीं मिली तो जा पहुंचे उस स्कूल पर जहां से शिकायत मिली थी। वहां की व्यवस्था को देखकर वो भौंचक रह जाएंगे। स्कूल के भीतर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों को लाकर बंद कर दिया गया था और मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया गया था। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि किसी को कोई जानकारी देने के लिए कोई सरकारी कर्मी भी वहां मौजूद नहीं था।
वहीं से अपने विधायक जी अधिकारी को फोन लगाए और कहा कि आप लोग इन मजदूरों को कैदी बना दिए हैं? यह कैसी व्यवस्था है जहां बेबस मजदूरों को भिखारी बना दिया है आप लोगों ने आगे अधिकारियों से यह भी कहा कि स्थिति में सुधार लाईये, सरकार को बदनाम मत कीजिए।