केयर इंडिया सभी प्रखंड में मनाएगा यक्ष्मा दिवस, लोगों को जागरूक करने के निर्देश
मधुबनी। जिले को यक्ष्मा मुक्त बनाने के लिए सदर अस्पताल के सभागार में शुक्रवार को एनटीईपी (नेशनल ट्यूबक्यूलोसिस एलिमेशन कार्यक्रम) के अंतर्गत राज्य से आए डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट डॉ.राजीव कुमार के अध्यक्षता में संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. आरके सिंह,एसडीएलस (सीनियर ट्रीटमेंट लैबोरेट्री सुपरवाइजर), एसटीएस (सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर),सीबीनेट आईटी,एचआईवी काउंसलर के साथ सदर अस्पताल परिसर के सभागार में बैठक की।
उन्होंने बताया भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण स्वाभाविक रूप से आघात पहुंचा है। अब स्वास्थ्य विभाग ने टीबी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग के द्वारा मार्च महीने को जन आंदोलन के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान को जन आंदोलन के रूप में जिले में संचालित किया जा रहा है जिसके तहत प्रखंड स्तर पर कई गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा।
वहीं प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार सहयोगी संस्था केयर इंडिया के द्वारा सभी प्रखंड मुख्यालयों में विश्व यक्ष्मा दिवस मनाने में सहयोग किया जाएगा। इसके तहत टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधि,धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों,टीबी चैंपियन,ट्रीटमेंट सपोर्टर,प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के बीच राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सुविधाओं,निक्षय पोषण योजना आदि विषय पर व्यापक जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम के लिए केयर इंडिया के जिला प्रतिनिधि के द्वारा रोस्टर भी तैयार किया जाएगा।
वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य-
जन-आंदोलन अभियान के तहत प्रखंडस्तर पर टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधि,धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों,टीबी चैंपियन,ट्रीटमेंट सपोर्टर,प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रोगी की पहचान के विषय में जानकारी दी जाएगी, ताकि यह लोग जल्द ही टीबी के लक्षणों को पहचान कर रोगी को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में भेज सकें।ऐसा करके टीबी के रोगी का जल्द से जल्द उपचार शुरू किया जा सकेगा। सरकारी अस्पतालों में टीबी के संभावित रोगियों की स्क्रीनिंग भी की जाती है। परीक्षण उपरांत रोगियों का निशुल्क उपचार किया जाता है। केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
जनवरी,फरवरी में 717 मरीज चिन्हित-
जिले में जनवरी 20 से दिसंबर 20 तक कुल 2154 टीबी के मरीज चिन्हित किए गए।वहीं जनवरी 2021 माह में जिले में 329 मरीज तथा फरवरी माह में 388 मरीज चिन्हित किए गए है।सभी मरीजों को आवश्यक जांच के बाद दवा उपलब्ध कराया जा रहा है।
हर व्यक्ति की निरूशुल्क जांच व इलाज-
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर आरके सिंह ने बताया जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की निरूशुल्क सुविधा उपलब्ध है। जहां पर वह अपना इलाज करा सकते हैं । इसके साथ उनको निःशुल्क दवा भी दी जाती है। जो नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। इससे टीबी के मरीजों को काफी सहूलियत होती है। टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है और इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया है।