दरभंगा। वकीलों ने केक काटकर राज्य स्थापना दिवस मनाया। सहायक सरकारी अधिवक्ता राम वृक्ष सहनी की अध्यक्षता में गुरुवार को वकालत खाना भवन में राज्य स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्रा ने केक काटकर खुशियां साझा की।
मौके पर मौजूद वकीलों को संबोधित करते हुए युवा अधिवक्ता मनोज कुमार ने कहा कि 1 अप्रैल 1912 से स्थापित बिहार एवं उड़ीसा प्रांत का राजधानी पटना कार्य करना प्रारंभ किया। इस नवगठित प्रांत का प्रथम उप राज्यपाल सर चार्ल्स स्टुअर्ट वैली का कार्यकाल 1 अप्रैल 1912 से 19 नवंबर 1915 तक रहा। नव स्थापित बिहार एवं उड़ीसा राज्य में चार बार उप राज्यपाल ही रहे। उसके पश्चात 29 दिसंबर 1920 से पूर्ण राज्यपाल बनाए गये। प्रांत के प्रथम राज्यपाल सत्येंद्र प्रसन्नों सिन्हा बने।
वकील संतोष कुमार सिन्हा ने कहा कि बंगाल प्रेसीडेंसी से 5 प्रमंडल के 21 जिले के भू- भाग को अलग कर बिहार एवं उड़ीसा प्रांत का गठन के लिए अधिसूचना संख्या 289 दिनांक 22 मार्च 1912 को जारी किया गया। जिसमें प्रावधान किया गया कि इस अधिसूचना के आलोक में 1 अप्रैल 1912 से यह राज्य स्वतंत्र अस्तित्व ग्रहण करेगा।
शिक्षक अरुण कुमार चौधरी ने कहा कि (1) तिरहुत प्रमंडल के दरभंगा,मुजफ्फरपुर, चंपारण, सारण जिले (2) पटना प्रमंडल के पटना, गया, शाहावाद (3)भागलपुर प्रमंडल के पूर्णिया, मुंगेर भागलपुर, संथाल परगना (4) छोटा नागपुर के हजारीबाग ,मानभूम, पलामू ,रांची, सिंहभूमि (5 ) उड़ीसा प्रमंडल के अंगूल, बालासोर, पूरी ,कटक, संबलपुर जिले के भू-भाग कूल पॉच प्रमंडलों के 21 जिलों को मिलाकर बिहार एवं उड़ीसा प्रांत अस्तित्व में आया। वहीं पहली अप्रैल 1936 को उड़ीसा प्रमंडल को बिहार से अलग कर स्वतंत्र नया राज्य घोषित किया गया। उस दिन से बिहार और उड़ीसा प्रांत से उड़ीसा का नाम विलोपित हो गया और हमारे प्रांत का नाम एक मात्र बिहार राज्य रह गया।
15 नवंबर 2000 को बिहार के कुछ भूभाग को अलग कर झारखंड राज्य का गठन किया गया। मौके पर अधिवक्ता संजीव कुवंर, आफताब हुसैन जिलानी, माया शंकर चौधरी, शिव शंकर झा आदि मौजूद थे।