बेगूसराय। बेगूसराय और पटना के बीच गंगा नदी पर बन रहा एशिया का दूसरा और बिहार का पहला हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल सिक्स लेन पुल अगले साल 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा। 14 अक्टूबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा यहां आकर शिलान्यास करने के बाद से ही वेल स्पॉन एजेंसी की देखरेख में एसपी सिंगला कंपनी के द्वारा निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
पुल निर्माण में जुटे कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो करीब 1150 करोड़ की लागत से बन रहा 1.8 किलोमीटर लंबा यह सिक्स लेन पुल अगले साल 2022 के दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा।
पहले जुलाई 2022 में ही निर्माण कार्य पूरा होना था, लेकिन बीच-बीच में कुछ रुकावट आ जाने के कारण अब दिसंबर तक निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। पुल के 17 पीलर में से छह पीलर का काम पूरा होने के बाद उस पर सड़क निर्माण का बेस सेगमेंट (गार्डर) चढ़ाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। ( Bihar’s first hybrid annuity model bridge ) पटना जिले की ओर से हाथीदह में पीलर संख्या एक, दो एवं तीन पर सेगमेंट चढ़ाने का काम अंतिम चरण में है। जबकि बेगूसराय के सिमरिया की ओर से पीलर संख्या 15, 16 एवं 17 पर सेगमेंट (गार्डर) चढ़ाने का काम भी शुरू हो गया है।
गंगा नदी के बीच में पड़ने वाले पीलर संख्या 13 का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है, गंगा के पानी में वृद्धि होने से पहले इस पीलर का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले सप्ताह आए यास तूफान के कारण 13 नंबर पीलर के निर्माण में लगा क्रेन नदी में बह गया। ( Bihar’s first hybrid annuity model bridge ) इसके बावजूद कंपनी वैकल्पिक व्यवस्था कर निर्माण में जुटी हुई है। जबकि पीलर संख्या 14 का निर्माण अब अगले साल शुरू होने की उम्मीद है।
निर्माण कार्य में जुटे अधिकारियों की मानें तो पुल के निर्माण में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर पड़ने के कारण काम पूरा होने की अवधि बढ़ाना पड़ा है। ( Bihar’s first hybrid annuity model bridge ) बेल्डिंग एवं कटिंग कार्य में ऑक्सीजन का उपयोग होता है, कोरोना की दूसरी लहर जब चरम पर था, तो ऑक्सीजन सिलेंडर के अभाव में कभी-कभी काम बंद भी रखना पड़ा था। लेकिन, बेल्डिंग और कटिंग से जुड़े काम को छोड़कर अन्य कार्य जारी रहा।
उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद पूर्वोत्तर भारत को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के नेतृत्व में यहां रेल-सह-रोड पुल बनाया गया था। 80 के दशक से पुल की स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ने लगी तो मरम्मत का कार्य शुरू हुआ, साल दर साल में लाखों-लाख खर्च होने लगे।
लेकिन बार-बार मरम्मति के बावजूद लगातार दुरुस्त नहीं रह सका। 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालते ही यह जानकारी मिली तो उन्होंने नया पुल का निर्णय लिया और खुद आकर शिलान्यास किया। जिसके बाद से सिक्स लेन सड़क पुल के साथ-साथ नया रेल पुल बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है। ( Bihar’s first hybrid annuity model bridge ) सड़क फुल जहां अगले साल तैयार हो जाने की उम्मीद है। वहीं, रेल पुल तीन साल के अंदर तैयार करने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है।