दरभंगा। जल संसाधन मंत्री संजय झा बुधवार को दरभंगा एयरपोर्ट परिसर जाकर जलजमाव से निदान के लिए एयरपोर्ट परिसर के अंदर चल रहे विभागीय कार्यों का निरीक्षण किया। साथ ही एयरफोर्स के अधिकारियों, डीएम डॉ.त्यागराजन एसएम और विभागीय अधिकारियों के साथ समस्या के समाधान पर चर्चा की।
जानकारी के अनुसार, इसके तुरंत निदान के लिए मुख्य अभियंता यांत्रिक को संप वेल बनाकर पानी बाहर निकलने को कहा गया। यह कार्य गुरुवार से शुरू होगा। साथ ही इसके स्थाई निदान के लिए कंटूर सर्वे कर प्लान बनाने का निर्देश मंत्री ने दिया। साथ ही एयरपोर्ट के चारों ओर स्थित बांध को मजबूत बनाने और उस पर पक्की सड़क बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश जल संसाधन विभाग के वरीय अधिकारियों को दिया।
मंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट परिसर में रनवे के बाहर बारिश ज्यादा होने पर जलजमाव की स्थिति पैदा हो जाती है। इसके निदान के लिए जल संसाधन विभाग ने एयरपोर्ट परिसर के अंदर 10 एंटी फ्लड स्लूईस गेट बनाए हैं। लेकिन गेट के बाहर बहने वाली नदी में जलस्तर अधिक हो जाने पर एयरपोर्ट परिसर के अंदर का पानी बाहर निकालने में परेशानी होती है।
वहीं, केवटी व दरभंगा एयरपोर्ट परिसर के अंदर विभाग की ओर से कराए जा रहे बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों का स्थल निरीक्षण करने के बाद उन्होंने कहा कि जमींदारी बांध दशकों पुराने हो गए हैं। जमींदारी बांध के रखरखाव का कार्य जल संसाधन विभाग के अंतर्गत नहीं था। 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ अवधि में इनकी देखरेख करने का निर्देश विभाग को दिया ताकि आम जनता को कोई परेशानी नहीं हो।
मिथिला में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल संसाधन विभाग तत्परता से काम कर रहा है। मंत्री ने कहा कि विभाग के अधीन आने वाले सभी तटबंध सुरक्षित हैं और विभाग की टीमें सभी तटबंधों पर चौबीसों घंटे सतत निगरानी कर रही हैं।
मंत्री श्री झा ने कहा कि बिहार में नदी जल के बेहतर प्रबंधन के लिए छोटी नदियों की उड़ाही और उन्हें आपस में जोड़ने की संभावनाओं पर विभाग काम कर रहा है। मिथिला में कई छोटी नदियों की उड़ाही जल संसाधन विभाग द्वारा कराई गई है। जल संसाधन विभाग जमींदारी बांध की बेहतर देखरेख के लिए जल्द नई नीति तैयार करेगा। इसके बाद मंत्री श्री झा ने केवटी प्रखंड के करजापट्टी में विभाग की ओर से किए गए फ्लड फाइटिंग वर्क का स्थल निरीक्षण किया। इस कार्य से क्षेत्र के लगभग 1400 घर सुरक्षित हुए हैं, जिनसे लगभग 7000 लोगों को लाभ मिला है।