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31 अक्टूबर, 2024
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बेतिया के अचंलाधिकारी ढाई लाख कैश रिश्वत लेते आवास से गिरफ्तार, पढ़िए पूरी खबर

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बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में निगरानी विभाग (Vigilance Department) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई (Action Against Corruption in Bettiah) करते हुए बेतिया के अंचलाधिकारी श्यामाकांत प्रसाद (Bettiah CO Shymakant Prasad) को गिरफ्तार किया है।

 

बेतिया के अंचलाधिकारी श्यामाकांत प्रसाद को निगरानी की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने बेतिया जिले में सदर के अचंलाधिकारी श्यामा कांत को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

अचंलाधिकारी श्यामा कांत किसी काम के लिए शिकायतकर्ता से मंगलवार को ढाई लाख रुपये रिश्वत ले रहे थे। उसी वक्त निगरानी ब्यूरो ने छापेमारी कर उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल छापेमारी टीम आगे की कार्रवाई कर रही है।

पीड़ित भू स्वामी ने बताया कि वर्ष 1987 में उसने इस्मत अली से चार कट्ठा दो धूर जमीन‌ खरीदा। जमीन का दाखिल खारिज भी उसके नाम से हो गया। भूमि पर विनोद कुमार गुप्ता का कब्जा है।

इस बीच, 06 अगस्त 2020 को इस्मत अली के भतीजे की विधवा शकीला खातून ने उसी भूमि की दाखिल खारिज के लिए आवेदन दी। सीओ उसके मेल में आकर जमबंदी रद करने की धमकी दे रहे थे। निगरानी के डीएसपी अरुणोदय पांडेय ने बताया कि गिरफ्तार सीओ के आवास से रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है।

निगरानी विभाग की टीम ने यह कार्रवाई की है। निगरानी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दाखिल खारिज के एक मामले का निपटारा करने की एवज में राजस्व कर्मचारी ने 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। घूस की रकम लेने के लिए राजस्व कर्मचारी ने एक प्राइवेट स्टाफ भी रखा हुआ था।

निगरानी ने इस प्राइवेट स्टाफ को भी गिरफ्तार किया है। इस शख्स का नाम अमन कुमार बताया जा रहा है। अमन कुमार ही राजस्व कर्मचारी के लिए सारी डील करता था। दाखिल खारिज से जुड़े जिस मामले को कराने के लिए रिश्वत ली गई, उससे 15 हजार रुपए में तय किया गया था और 12 हजार रुपए की रकम लेते हुए राजस्व कर्मचारी गिरफ्तार किया गया।

चनपटिया बाजार केजगदीश प्रसाद ने बताया कि आपसी बंटवारे के बाद दाखिल खारिज के लिए उन्होंने ऑनलाइन आवेदन दिया था। जगदीश प्रसाद ने बताया कि बहुत दिन से राजस्व कर्मचारी नागेंद्र राम उनसे 50 हजार रुपए की मांग कर रहा था। बाद में उन्होंने 50 हजार रुपए देने में खुद को असमर्थ बताया, तो उन्होंने कहा कि उनके निजी स्टाफ अमन सिंह से वह बात कर लें।

जगदीश प्रसाद ने बताया कि अमन सिंह ने 15 हजार रुपए में काम करने को कहा। इसलिए आज वह 12 हजार रुपए लेकर अंचल कार्यालय पहुंचे थे। उसके बाद निगरानी की टीम ने राजस्व कर्मचारी नागेंद्र राम और उनके सहयोगी अमन सिंह को रंगे हाथ धर दबोचा।

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