उत्तम सेन गुप्ता, बिरौल देशज टाइम्स। शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश सचिव आशुतोष चौधरी (Ashutosh Choudhary) ने कहा कि बिहार सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के आलोक में बिहार के शिक्षकों को शराब पीने वाले और शराब तस्करों के विरूद्ध मुखबिरी के कार्यों में लगाना शिक्षा और शिक्षा व्यवस्था के मापदंड को परिभाषित करता है।
श्री चौधरी ने कहा है कि शिक्षकों का मूल कर्तव्य है छात्र-छात्राओं को शिक्षित करना। शिक्षकों से पहले भी और अब भी कई तरह के ग़ैर शैक्षणिक कार्य करायें जा रहें है फिर यह नया फरमान गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व्यवस्था पर कई प्रश्नचिंह खड़ा करता है।
वैसे भी दर्जनों शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए जाने से शिक्षा व्यवस्था पर बच्चों के अभिभावक शिक्षकों पर अंगुली उठाने में पिछे नहीं रहते।
ऐसे में, मैं देशज टाइम्स के माध्यम से माननीय शिक्षा मंत्री बिहार सरकार से आग्रह करता हूं कि शिक्षकों को शिक्षक ही रहने दें मुखबिरी या अन्य गैरशैक्षणिक कार्य से अलग करते हुए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व्यवस्था की सुदृढ़ीकरण के लिए निर्देश जारी करें।
अन्यथा वो दिन दूर नहीं जब शिक्षकों को भी शराब तस्करों एवं पियक्कड़ों का कोपभाजन बनना पड़े। जो हथियारों से लैस पुलिसकर्मियों के साथ आए दिन हो रहा है।