जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिर राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ही बनेंगे यह तय हो गया। ने शनिवार को अपना नामांकरण कराया है। अब यह बात लगभग तय है कि ललन सिंह निर्विरोध रूप से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर फिर से आसीन हो जाएंगे।
निर्वाचन सात दिसंबर को होना है। ललन सिंह को पिछले वर्ष 31 जुलाई को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की जगह उन्हें यह जिम्मेवारी दी गयी थी।
ललन अभी भी इसी पद पर हैं उन्हें यह पद पिछले साल 31 जुलाई को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद आरसीपी सिंह को हटा कर दिया गया था।
करीब ढेढ़ साल के बाद जदयू में फिर से ललन सिंह को अध्यक्ष बनाने की तैयारी तेज हो गयी है। पिछले सप्ताह ही 27 नवंबर को जदयू राज्य परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन के क्रम में कहा था कि उनका यह प्रस्ताव है कि ललन सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी संभालते रहें. मैं प्रस्ताव भी कर दूंगा।
नीतीश की इस अपील के बाद से ही यह तय माना जा रहा है कि ललन सिंह फिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का जा रहे हैं। उनके नाम की घोषणा होनी सिर्फ औपचारिकता मात्र है।
दरअसल, जदयू के वतर्मान राष्ट्रीय अध्यक्ष करीब करीब डेढ़ साल के बाद फिर से जदयू का कमान संभालने वाले हैं। इसी पद के लिए तीन दिसंबर को उन्होंने अपना नामांकन करवाया है। वैसे पिछले सप्ताह खुद बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के सर्वेसर्वा माने जाने वाले नीतीश कुमार ने इनके नाम का प्रस्ताव किया था। जिसके बाद से यह तय हो गया था कि ललन सिंह फिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का जा रहे है।
अब उनके चुने जाने की आधिकारिक घोषणा ही बाकी रह गई है। जानकारी के अनुसार, 31 जुलाई 2021 में जब ललन सिंह ने पार्टी का कमान अपने हाथों में लिया है, तबसे पार्टी में कई प्रकार के बदलाव देखने को मिला है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव नए महागठबंधन के तहत सरकार बनाना और राज्यसभा से आरसीपी सिंह की छुट्टी शामिल है।
इसके बाद नीतीश अब जो विपक्षी एकता की मुहिम चला रहे हैं, उसके पीछे भी ललन सिंह का ही दिमाग बताया जा रहा है। फिलहाल उनकी सबसे बड़ी परीक्षा कुढ़नी में होने वाला उपचुनाव हैं। अब तक ललन सिंह के कार्यकाल में पार्टी ने किसी चुनाव का सामना नहीं किया है। इसके अलावा वर्ष 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव ललन सिंह के लिए सबसे अहम है।