बिहारशरीफ| नालंदा जिले में व्यवहार न्यायालय के किशोर न्याय परिषद के जज मानवेन्द्र मिश्र ने किशोर की दास्ताँ सुन शुक्रवार को आरोपी किशोर को रिहा कर दिया| न्यायिक फैसले में न्यायाधीश ने कहा कि जब माखन चोरी जुर्म नहीं तो मिठाई चोरी जुर्म कैसा?
मामला हरनौत थाना क्षेत्र के चेरो गांव का है जहां मिठाई चोरी के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज कर किशोर को न्यायालय में पेश किया गया था|किशोर फतुहा थाना क्षेत्र के साम्वोह गांव का निवासी है|
किशोर ने बताया-
उसके परिवार में कोई नहीं है माँ-बाप बचपन में ही गुजर गये|उसके लालन पालन के लिए नानी घर में उसके मामा ले गए थे उसके ननिहाल में नाना नानी की भी मौत हो गई थी| भूख से वह तड़प रहा था कि बगल पड़ोस घर में मामी लगने वाली महिला के फ्रीज से मिठाई निकाल कर खा लिया और बालपन के कारण मोबाइल से गेम खेलने लगा|
इसी मामले को बढ़ा चढ़ाकर पुलिस में मामला दर्ज किया और उसे हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया गया था| किशोर न्याय परिषद के मुख्य न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्र ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और किशोर को रिहा कर दिया|
उन्होंने कहा कि समय की नजाकत को देखते हुए पुलिस को मामले को समझकर ही कोर्ट में प्रस्तुत करें| समाजिक मनोधारा को बढ़ावा देने के लिए बच्चे की मनोबल को बढ़ाना हर मानव का धर्म होता है|
नालंदा जिले में न्यायिक फैसला करना मानवेन्द्र मिश्र के मनवता की मुख्य धारा से जोड़ता है उन्होंने इस तरह के कईअहम फैसले कर किर्तिमान स्थापित किया है|