बिहार शिक्षा विभाग की एक और करतूत सामने आई है। लापरवाही की यह हद है। मामला बिहारशरीफ के हिलसा प्रखंड के मध्य विद्यालय नदहा नदवर से जुड़ा है जहां के प्रधानाध्यापक सत्येंद्र पासवान निर्धारित समय से 10 साल पहले ही सेवानिवृत्त घोषित कर दिए गए हैं।
इस बात का पता गुरूवार को तब चला जब पूरे हिलसा प्रखंड के शिक्षकों का वेतन बनाने का कार्य रोक दिया गया था। यहां तक की उनका भविष्य निधि का 9,31,701 का वाउचर ही विभाग की ओर से जारी कर दिया गया था। परेशान प्रधानाध्यापक फिलहाल शिक्षा विभाग के दफ्तरों की दौड़ लगा रहे हैं।
1972 की जगह 1962 दर्ज हो गई जन्मतिथि इसे सिस्टम की गलती कहें या शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारियों, कर्मचारियों की लापरवाही या मनमानी। जबरन सेवानिवृत्त कर दिए गए परेशान प्रधानाध्यापक सत्येंद्र पासवान ने कहा कि उन्हें 31 जनवरी 2022 को सेवानिवृत्त घोषित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मेरी जन्मतिथि 16 जनवरी 1972 है । मेरी 60 वर्ष की आयु 31 जनवरी 2032 को पूर्ण होगी। लेकिन कंप्रिहेंसिव फाइनेंस एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CFMS) में मेरी जन्म तिथि 16 जनवरी 1962 दर्ज कर दी गई है। गड़बड़ी कहां से हुई है और किसने की है यह तो विभाग के लोग ही जानते हैं। कंप्रिहेंसिव फाइनेंस मैनेजर सिस्टम में जन्मतिथि को ठीक इसके एडमिन ही कर सकते हैं। इसे ठीक कराने के लिए मुझे विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
शिक्षक ने बताया कि विभाग की लापरवाही से मुझे काफी आर्थिक एवं मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ हिलसा के सचिव अवधेश कुमार ने कहा की कंप्रिहेंसिव फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम ( सीएफएमएस ) में प्रधानाध्यापक सत्येंद्र पासवान की जन्मतिथि गलत डाल दिए जाने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने केशव प्रसाद ने कहा कि सीएफएमएस में जन्मतिथि गलत इंट्री हो गई थी। इसे ठीक करने के लिए पटना भेजा गया है। जल्द ही इसे ठीक करा दिया जाएगा।