बिहार में गर्मी से लोग परेशान हैं। स्कूल के समय में भी परिवर्तन कर दिया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई। बैठक में विभिन्न विभाग के मंत्री एवं अधिकारी शामिल हुए।
सीएम ने कहा,हर चीज पर नजर रखें। पूरी तरह सतर्क रहें। मुस्तैदी से सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष गर्मी ज्यादा है। ऐसे में, सभी प्रकार की तैयारी रखें। और, लोगों को सचेत करें।
एक अणे मार्ग स्थित लोक संवाद में आयोजित बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक ने इस मानसून के दौरान बारिश के पूर्वानुमान की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई महीने में देश के अधिकांश हिस्सों, जिसमें बिहार राज्य भी शामिल है, जहां अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर-औसत से अधिक रहने की संभावना है। इस अवधि में लू चलने की संभावना बताई गई है। इस मानसून 96 प्रतिशत औसत वर्षा होने तथा बिहार में 952 मिली मीटर वर्षा होने का पूर्वानुमान है।
वहीं, इस दौरान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा सहित कई मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक ने इस वर्ष मॉनसून सत्र के दौरान वर्षापात के पूर्वानुमान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई महीने में देश के अधिकांश हिस्सों, जिसमें बिहार राज्य भी शामिल है, जहां अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर, औसत से अधिक रहने की संभावना है।
इस अवधि में लू चलने की संभावना बताई गई है। मॉनसून ऋतु में 96 प्रतिशत औसत वर्षा होने तथा बिहार में 952 मिली मीटर वर्षा होने का पूर्वानुमान है।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉनसून के आगमन के पूर्व सभी तैयारियां ससमय पूरी कर लें। अभी से इसको लेकर एक-एक चीज पर नजर रखें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् इसका अनुश्रवण करते रहे कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो। जिन जिलों में बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, वहाँ तेजी से इस पर कार्य करें। पिछले वर्ष सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया गया था। इस वर्ष भी बाढ़ की स्थिति में सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया जाय।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि भू-जलस्तर पर नजर रखें और पेयजल का इंतजाम रखें. हर घर नल का जल से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें।
जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन करें, क्षेत्रों में जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी लें, उसके अनुसार सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण रखें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हरसंभव मदद करती है, इसे ध्यान में रखते हुये सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि मानसून के आगमन के पूर्व सभी तैयारियां स-समय पूरी कर लें। अभी से इसको लेकर एक-एक चीज पर नजर रखें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत इसका अनुश्रवण करता रहे कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत न हो।
जिन जिलों में बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, वहां तेजी से इस पर कार्य करें। पिछले वर्ष सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया गया था। इस वर्ष भी बाढ़ की स्थिति में सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा के लिए बचे हुए सभी कटाव निरोधक कार्य एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को मानसून के पहले पूर्ण करें। नदियों के गाद की उड़ाही एवं शिल्ट हटाने को लेकर तेजी से कार्य करें।
इससे बाढ़ का खतरा भी कम रहेगा और नदियों की जल संग्रहण क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे सिंचाई कार्य में और सुविधा होगी। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सात अवयवों में जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी भी सतत निगरानी करें। पौधरोपण के कार्य को और बढ़ाया जाए।
नगर विकास एवं आवास विभाग नगर निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण करा दें, ताकि उन्हें सभी दायित्वों की जानकारी हो और बेहतर समन्वय स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष गर्मी ज्यादा है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार की तैयारी रखें और लोगों को सचेत करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा हेतु बचे हुए सभी कटाव निरोधक कार्य एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को मॉनसून के पहले पूर्ण करें। नदियों के गाद की उड़ाही एवं शिल्ट हटाने को लेकर तेजी से कार्य करें।
इससे बाढ़ का खतरा भी कम रहेगा और नदियों की जल संग्रहण क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे सिंचाई कार्य में और सुविधा होगी। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सात अवयवों में जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी भी सतत् निगरानी करें। वृक्षारोपण के कार्य को और बढ़ाया जाय।
नगर विकास एवं आवास विभाग नगर निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण करा दें ताकि उन्हें सभी दायित्वों की जानकारी हो और बेहतर समन्वय स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष गर्मी ज्यादा है। इसे ध्यान में रखते हुये सभी प्रकार की तैयारी रखें और लोगों को सचेत करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर चीज पर नजर रखनी है और पूरी तरह से सतर्क रहना है। मुस्तैदी के साथ सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी। सभी संबद्ध विभाग जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर वस्तु स्थिति की जानकारी ले और उसके आधार पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि भू-जलस्तर पर नजर रखें और पेयजल का इंतजाम रखें।
हर घर नल का जल से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें। जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन करें, क्षेत्रों में जाकर वस्तु स्थिति की जानकारी लें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हरसंभव मदद करती है, इसे ध्यान में रखते हुए सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें।
बैठक में आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार बाढ़ पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं।
सभी जिलों एवं संबद्ध विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने नाव संचालन, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान बाढ़ राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध करायी जाती है। सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया जाता है और लोगों को गुणवतापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाता है।