सतीश चंद्र झा, बेनीपुर, देशज टाइम्स। आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं की हड़ताल गुरुवार को 28वें दिन भी जारी है। वहीं, सरकार की ओर से भूख एवं कुपोषण के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान को धक्का लग रहा है।
जानकारी के अनुसार, देश में भूख एवं कुपोषण की बढ़ती समस्या का समाधान के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में वार्ड स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्र का स्थापना किया गया था। इसके माध्यम से 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चे एवं गर्भवती प्रस्तुति महिलाओं के लिए पोषाहार वितरण का कार्यक्रम वर्षों से चलाया जा रहा है।
इसके लिए बेनीपुर प्रखंड क्षेत्र में 306 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं। इसमें 284 आंगनबाड़ी केंद्र वर्तमान समय में संचालित है। इसके माध्यम से लगभग 10000 बच्चों को भूख एवं कुपोषण से बचाने के लिए पका पकाया भजन परोसने का प्रावधान सरकार की ओर से निर्धारित है।
वहीं, प्रत्येक केंद्र पर आठ गर्भवती एवं आठ प्रसूति महिला के साथ-साथ अन्य कुपोषित बच्चों की देखरेख के लिए टेक होम राशन का प्रावधान सरकार की ओर से किया गया है, जो अनवरत रूप से संचालित थी। इसके एवज में सरकार की ओर से सेविका एवं सहायिका को पारिश्रमिक के रूप में 5950 रुपए मानदेय प्रतिमाह के हिसाब से दिया जाता है।
लेकिन आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका अपने भरण पोषण के लिए इसे अपर्याप्त मानते हुए पिछले 29 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई है जिसके कारण नौनिहालों के निवाला के साथ-साथ कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों का भी निवाला भी ठप्प पड़ा हुआ है।
पोषाहार में मासिक मिलने वाली 11000 रुपए की राशि 2 सप्ताह पूर्वी आंगनबाड़ी क्रियान्वयन समिति के खाते में भेज दी गई है। लेकिन हड़ताल के कारण एक भी सेविका उक्त राशि को अभी तक उठाव नहीं कर पाई है। साथ ही पोषण संबंधी सभी गतिविधि का बहिष्कार नियमित रूप से जारी है। जिससे टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी कार्य भी बाधित हो रही है।
इस संबंध में बेनीपुर प्रखंड आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ के अध्यक्ष रेखा सिंहा बताती है कि इस बार आंगनबाड़ी सेविका सहायिका करो या मरो की स्थिति में हड़ताल पर चल रही है और सरकार द्वारा सम्मानपूर्वक मानदेय सहित अन्य सुविधाएं जिसमें पांच सूत्री मांग शामिल है पूरा नहीं की जाती है तो हड़ताल नियमित रूप से जारी रहेगी और चरणबद्ध ढंग से आंदोलन को और उग्र की जाएगी ।