मुख्य बातें
निजी विद्यालयों के प्रशासक के साथ सचिव, डीएलएसए ने की बैठक
कोई भी बच्चें शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे : जावेद आलम
निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा-बच्चों का विधिक अधिकार
दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। जिला विधिक सेवा प्राधिकार, दरभंगा के भवन में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार-सह-अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जावेद आलम की अध्यक्षता में दरभंगा सदर के सभी निजी विद्यालयों के प्रबंध निदेशक, प्रशासक एवं प्राचार्य के साथ एक विधिक साक्षात्कार का आयोजन किया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए सचिव ने बैठक में उपस्थित निजी विद्यालयों के प्रबंध निदेशक, प्रशासक एवं प्राचार्य को आरटीई एक्ट, 2009 के प्रावधानों से अवगत कराया एवं उन्होंने सभी संबंधित को कहा कि 25 प्रतिशत् गरीब बच्चों का किस प्रकार नामांकन सुनिश्चित हो, इसके बारे में सभी को अवगत कराया गया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार बच्चों का एक मौलिक अधिकार है, जो हर कीमत पर सुनिश्चित होना चाहिए, ये उनका कानूनी हक है। जैसा कि विदित है कि निःशुल्क एवं अनिवार्य शिखा – बच्चों का विधिक अधिकार है, जो 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है।
आगे उन्होंने कहा कि निजी स्कूल के प्रशासक केवल इस बात से नहीं बच सकते है कि कोई व्यक्ति हमारे पास प्रस्तुत नहीं हुआ, ये सारे निजी स्कूलों की जिम्मेवारी है कि वे अपनी ओर से सामाजिक एवं नैतिक जिम्मेदारी को पूरा करें, ताकि 25 प्रतिशत् गरीब बच्चों का नामांकन सुनिश्चित हो सके।
सचिव ने आगे कहा कि जो भी बकाया राशि उन्हें नहीं मिली है, उन्हें तुरन्त ही जिला शिखा पदाधिकारी से बात कर विमुक्त करायी जाएगी, ताकि बच्चों के शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जाए।
बैठक में उपस्थित शिक्षा विभाग के पदाधिकारी जया कुमारी ने कहा कि वर्ष 2017-18 का बकाया का भुगतान तुरंत ही निजी विद्यालयों को किया जाएगा।