सिंहवाड़ा। अमृता कुमारी (Amrita Kumari) शिक्षा जगत की एक नई सोच है जो उड़ान भरने को तैयार है। तमाम, उतार-चढ़ाव को जीवन में झेलते आज अमृता शैक्षणिक अमृत बांटने को तैयार हैं।
जानकारी के अनुसार,रामपुरा पंचायत की अमृता कुमारी ने बीपीएससी में बाजी मारी है। सफलता के परचम आज पूरे सिंहवाड़ा प्रखंड को चमत्कृत गूंजित कर रहा है। और करे भी क्यों ना। अमृता कुमारी प्रोफेसर पद पर जो चयनित हुईं हैं। फिलहाल, मध्य विद्यालय में शिक्षका पद पर कार्यरत अमृता कुमारी अब शैक्षणिक ऊंचाई को बुलंद करने के हौंसले के साथ बहुत तेज कदमताल कर चुकी हैं।
परिवार की सेवा की जिम्मेदारी और फिर स्कूल में बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर एक कुशल नागरिक बनाने के बीच अमृता की जिद ने अपने अरमानों को जीना नहीं छोड़ा। इसी को ढ़ाल बनाकर पठन-पाठन और स्कूली बच्चों के उज्जवल भविष्य को लेकर सजग रामपुरा की महिला शिक्षका अमृता कुमारी ने पीएचडी की शिक्षा ग्रहण की।
फिर उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग की प्रतियोगीता परीक्षा में सफल होकर महिला सशक्तीकरण को मजबूत कर इलाके का नाम रौशन किया है। सरकारी प्रशिक्षण महाविद्यालय में व्याख्यता (प्रोफेसर) पद पर चयनित अमृता कुमारी रामपुरा
मध्य विद्यालय में शिक्षिका पद पर अभी कार्यरत हैं। बच्चों को शिक्षा देने व पारिवारिक जीवन के बीच बीपीएससी के कठिन परीक्षा में सफल होकर को मजबूत इरादे से उच्च शिक्षा ग्रहण की है।
अध्यन के प्रति लगन, कठिन परिश्रम व हौसले की उड़ान
के बीच अमृता शिक्षक से अब प्रोफेसर बनेगी। इस सफलता का श्रेय वह अपने पति अभियंता अजीत कुमार चौबे, ससुर पूर्व प्रधानाचार्य लक्ष्मेश्वर चौबे को देती है। अमृता अपने माता-पिता समस्तीपुर के डॉ. माला ठाकुर व डॉ. अशोक ठाकुर को मार्ग दर्शक के रूप में मानती हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट पद पर सफलता प्राप्त करने पर बधाई देने वालों में विद्यालय परिवार के साथ स्थानीय विधायक सह श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार, प्रखंड प्रमुख पुष्पा झा, उप प्रमुख साजिद मुजफ्फर बब्लू, जिला परिषद सदस्य ओमप्रकाश ठाकुर, मुखिया पप्पू चौधरी, गणेश चौबे, मणिकांत झा शामिल हैं।