दरभंगा,देशज टाइम्स ब्यूरो। मैथिली पुत्र प्रदीप के निधन पर संस्कृत विश्वविद्यालय के धर्मशास्त्र विभाग में विभागाध्यक्ष प्रो. श्रीपति त्रिपाठी की अध्यक्षता में शनिवार को शोक सभा आयोजित की गई। मौके पर सभी विभागों के कर्मी मौजूद थे।
श्रद्धांजलि अर्पित करते प्रो. त्रिपाठी ने कहा, प्रदीप के जाने से सिर्फ मैथिली जगत को ही क्षति नहीं हुई है, बल्कि हिंदी व संस्कृत जगत भी अछूता नहीं रहा है। वे संस्कृत विश्वविद्यालय के सीनेट के भी सदस्य रहे थे। उनकी कृति आज भी अमर है और आगे भी रहेगी।
वक्ताओं ने कहा, प्रदीप त्याग के साक्षात मूर्ति थे। भारतीय सभ्यता व संस्कृति के वे शुरू से ही पोषक थे। एक शिक्षक के रूप में भी उनका योगदान काफी अहम रहा है।
यह जानकारी देते पीआरओ निशिकांत ने देशज टाइम्स को बताया, वक्ताओं में पूर्व कुलसचिव डॉ. विमल नारायण ठाकुर, प्रो. हरेंद्र किशोर झा, प्रो. विद्येश्वर झा, प्रो. रेणुका सिंहा, प्रो. पुरंदर वरिक, डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र, डॉ. महानंद ठाकुर मुख्य रूप से शामिल थे।