सिंहवाड़ा। बुधवार को ठंड के बढ़ते प्रकोप ने जनजीवन को प्रभावित किया। तेज पछिया हवाओं और कड़ाके की ठंड के कारण दरभंगा-मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय उच्च पथ (एनएच-27) पर वाहनों की रफ्तार थम सी गई है। बड़ी गाड़ियां जैसे ट्रक और बसें तो अब भी चल रही हैं, लेकिन बाइक, टेंपो, और अन्य छोटी गाड़ियों की आवाजाही में कमी देखी जा रही है।
राहगीरों को हो रही परेशानियां
- पेड़-पौधों की कमी: एनएच-27 और अन्य सड़कों के किनारे वृक्षों की कमी के कारण तेज पछिया हवाओं का सीधा प्रभाव राहगीरों पर पड़ रहा है।
- बाईपास सड़कों पर ठंड का असर: शोभन-एकमी बाईपास के 11 किमी लंबे मार्ग पर ठंडी हवाएं और अधिक परेशान कर रही हैं।
- सुनसान इलाकों में जोखिम: सुनसान क्षेत्रों में ठंडी हवाओं के कारण राहगीरों को चलने में मुश्किल हो रही है।
प्रमुख सड़कों पर ठंड का असर
- अतरबेल-भरवाड़ा स्टेट हाईवे (एसएच): वाहनों की संख्या कम हो गई है।
- मब्बी-कमतौल स्टेट हाईवे: ठंड और पछिया हवाओं का व्यापक प्रभाव।
- अतरबेल-बिशनपुर मार्ग: बाइक और टेंपो की आवाजाही लगभग नगण्य हो गई है।
राहगीरों की राय
स्थानीय निवासी ने बताया कि एनएच-27 और अन्य सड़कों के किनारे पेड़-पौधों की कमी के कारण ठंडी हवाएं सीधे महसूस होती हैं।
हनुमान नगर क्षेत्र:
सड़क किनारे वृक्ष लगे होने के कारण इस क्षेत्र में थोड़ी राहत महसूस होती है।
एम्स निर्माण स्थल से शोभन तक:
यह हिस्सा खुला होने के कारण पछिया हवा का सीधा असर होता है, जिससे चलना और गाड़ी चलाना दोनों मुश्किल हो गया है।
समाधान और अपील
- सड़क किनारे वृक्षारोपण की जरूरत: लंबे समय तक ऐसी समस्याओं से बचने के लिए प्रशासन को सड़कों के किनारे अधिक पेड़ लगाने की पहल करनी चाहिए।
- सर्दियों में सतर्कता: वाहन चालकों को सलाह दी जा रही है कि ठंड और धुंध के कारण वाहन चलाते समय सावधानी बरतें।
- गरम कपड़ों का इस्तेमाल करें: राहगीरों और दोपहिया वाहन चालकों से अपील है कि गर्म कपड़े पहनें और ठंडी हवा से बचने के लिए उचित सुरक्षा उपाय करें।
निष्कर्ष:
ठंड के बढ़ते प्रभाव ने न केवल सड़कों पर यातायात को धीमा कर दिया है, बल्कि जनजीवन को भी प्रभावित किया है। पेड़-पौधों की कमी और तेज पछिया हवाओं का सीधा असर महसूस हो रहा है। स्थानीय प्रशासन और राहगीरों को मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालने की दिशा में काम करना होगा।