दरभंगा | जिला प्रशासन ने दिघी तालाब, गंगा सागर और हराही पोखर को आपस में जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस योजना के तहत बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा तीनों तालाबों को जोड़ने का कार्य किया जाना है, जिससे जल प्रबंधन और पर्यावरण संतुलन में सुधार होगा।
इसी क्रम में आज जिलाधिकारी कौशल कुमार और वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जला रेड्डी ने संयुक्त रूप से तालाबों का भौतिक निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
सरकारी भूमि की मापी और अतिक्रमण हटाने का निर्देश
निरीक्षण के दौरान DM कौशल कुमार ने अनुमंडल पदाधिकारी (सदर) विकास कुमार और अंचलाधिकारी सदर को निर्देश दिया कि तालाबों से जुड़ी सरकारी भूमि की मापी कराई जाए और यदि कहीं अतिक्रमण हो तो उसे तुरंत हटाया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण परियोजना में बाधा नहीं बनने दिया जाएगा।
निजी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया होगी तेज
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जो भूमि निजी स्वामित्व में आती है, उसे अधिग्रहण के लिए जिला भू-अर्जन पदाधिकारी आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें। इसके लिए जल्द से जल्द प्रक्रिया प्रारंभ कर सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जाएं, ताकि परियोजना समय पर शुरू हो सके।
पुल निर्माण निगम को दिए गए कार्य प्रारंभ के निर्देश
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि जैसे ही भूमि की मापी और रेखांकन का कार्य पूरा हो, वैसे ही पुल निर्माण निगम परियोजना पर कार्य आरंभ करे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि योजना में कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसके पर्यावरणीय लाभों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता दी जाएगी।
पर्यावरण के लिए क्यों है यह परियोजना जरूरी
यह परियोजना केवल जलप्रबंधन तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे शहरी जल भराव की समस्या से भी राहत मिलेगी। तीनों तालाबों को जोड़ने से वर्षा जल का संग्रहण बेहतर होगा और भूमिगत जलस्तर (groundwater level) में भी सुधार होगा। यह दरभंगा को स्मार्ट सिटी मॉडल की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
उपस्थित रहे कई वरिष्ठ अधिकारी
इस अवसर पर निम्न अधिकारी उपस्थित रहे:
बालेश्वर प्रसाद, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी
विकास कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, सदर
राजस्व अधिकारी, सदर
पुल निर्माण निगम के अभियंता
अन्य संबंधित पदाधिकारीगण
निष्कर्ष: दरभंगा को मिलेगा एक नया पर्यावरण मॉडल
दरभंगा के तीनों ऐतिहासिक तालाबों को जोड़ने की यह परियोजना न केवल जल संरक्षण के क्षेत्र में बल्कि शहरी पर्यावरण सुधार की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित होगी। प्रशासन की तत्परता और योजनागत सोच इस बात का संकेत है कि दरभंगा अब सतत विकास (Sustainable Development) की राह पर अग्रसर है।