प्रभाष रंजन, दरभंगा | साइबर ठगी के शिकार एक कैटरिंग व्यवसायी कुमार विक्रम ने न्याय के लिए एक साल से अधिक समय से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ठग कंपनी और पुलिस के बीच सांठगांठ के चलते उनके मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। मामला गुजरात के राजकोट स्थित एक कंपनी से जुड़ा है, जिसने उनसे 60,000 रुपये लेने के बाद ऑटोमेटिक रोटी बनाने वाली मशीन नहीं भेजी।
कैसे हुई ठगी?
दरभंगा नगर थाना क्षेत्र के शिवाजीनगर निवासी कुमार विक्रम ने फेसबुक विज्ञापन के माध्यम से राजकोट की डीके मशीनरी कंपनी से संपर्क किया।
- डील तय: 60,000 रुपये।
- व्यवसायी ने यह रकम HDFC खाते से ट्रांसफर की।
- कंपनी ने तय समय पर मशीन भेजने से इनकार कर दिया और फोन उठाना भी बंद कर दिया।
साइबर थाना में शिकायत:
- 17 जनवरी 2024 को दरभंगा साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई।
- थाना ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की और केवल सनहा दर्ज किया।
- महीनों तक कार्रवाई नहीं होने पर व्यवसायी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी।
आरोपी कंपनी का अकाउंट फ्रीज:
- 6 दिसंबर 2024: साइबर थाने ने आरोपी कंपनी का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया।
- इसके तुरंत बाद व्यवसायी के घर ऑटोमेटिक रोटी बनाने की मशीन भेज दी गई।
व्यवसायी के आरोप:
- व्यवसायी का कहना है कि मशीन की गुणवत्ता की जांच किए बिना पुलिस मामले को रफा-दफा करवाना चाहती है।
- उनका आरोप है कि ठग कंपनी और पुलिस के बीच सांठगांठ हो सकती है।
- उन्होंने कहा कि जब तक राशि की वापसी या ठग कंपनी पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, वह शांत नहीं बैठेंगे।
साइबर थानाध्यक्ष का बयान:
साइबर थानाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया:
- आरोपी कंपनी का अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है।
- मशीन व्यवसायी तक कैसे पहुंची, इसकी जांच चल रही है।
- जल्द ही पूरे मामले का पर्दाफाश किया जाएगा।
व्यवसायी की मांग:
कुमार विक्रम ने ठग कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि न्याय पाने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे।