संजय कुमार राय, दरभंगा, देशज टाइम्स अपराध ब्यूरो प्रमुख। यह गजब का खेल है साहब! यहां तो पूरे पुलिसिया सिस्टम में ऊपर से नीचे तक छेद ही छेद है। अगर, कोई ईमानदारी से काम भी करना चाहे तो उसे ऊपर और नीचे वाले ऐसा हरगिज नहीं करने देंगे। उनकी बार-बार की कोशिश बेकार जाएगी और सारा सिस्टम ही ध्वस्त होता दिखेगा।
जय बाबा केदार..!
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दरभंगा पुलिस प्रशासन की जो तस्वीर हम आपको लगातार दिखा रहे हैं, उसकी भयावहता दिनानुदिन लचर और फरोशी करती मिलती है। हर मोड़ पर ऐसे हुक्मनरान दरभंगा में मिल रहे जो पुलिसिया वर्दी में ऐसा खेल खेलने में व्यस्त है संपूर्ण बिहार की पुलिस महकमा के लिए शर्मसार करने वाली तो है ही, खासकर, दरभंगा की हालत को लज्जित करती दिख रही है। यहां के हालात यह हैं कि एक सिपाही की हेकड़ी एसएसपी से बड़ी हो गई। क्योंकि, उसके ऊपर आईजी का सीधा हाथ है…पढ़िए Sanjay Kumar Rai की यह Exclusive रिपोर्ट
दरभंगा जिले में कई वर्षों से जमे सिपाही पुलिस मुख्यालय के आदेश को ठेंगा बता रहें हैं। ऐसा लग रहा है कि इनके सामने वरीय पुलिस अधीक्षक की हैसियत भी कुछ नहीं हैं।
आखिर इन लोगों के संरक्षक कौन हैं? आखिर इसके पीछे की कहानी क्या हैं? इसे जानने के लिये कई लोग प्रश्न कर रहें हैं। इस मामले में तो एसएसपी दरभंगा ने आईजी को बार-बार पत्रों से अवगत कराते हुये कहा कि दरभंगा क्षेत्र में पुलिस मेंस एसोसिएशन का जो चुनाव हुआ हैं वह संवेधानिक नहीं हैं। यह चुनाव अवैध हैं।
चुनाव होने से पहले और चुनाव होने के बाद दोनों स्थिति में एसएसपी ने आईजी को पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुये कहा था कि सिपाही (478) राजू कुमार सिंह 14 सितंबर 11 से जिला में पदस्थापित हैं, जो वर्तमान में पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। इनका स्थानांतरित जिला मधुबनी है।
सिपाही (843) विनोद कुमार जो 17 सितंबर 12 से अबतक यहां जमे हुये हैं। इनका स्थानांतरित जिला समस्तीपुर हैं। वहीं, वर्तमान में उपाध्यक्ष 1 पद पर आसीन हैं। सिपाही (20) इंद्र कुमार इंदु जो 20 अप्रैल 12 से अबतक यहां बने हुये हैं, जो एसोसिएशन के सचिव पद पर काबिज हैं।
सिपाही (701) सुरेन कुमार सिंह जो 14 सितंबर 11 से अबतक जिला बल में तैनात हैं इन्हें कोषाध्यक्ष का पद हासिल हैं। सिपाही (825) शंभु कुमार 18 अगस्त 12 से इस जिला में तैनात हैं। इन्हें संयुक्त मंत्री का पद हासिल हैं। सिपाही (580) ध्रुव कुमार राय 20 अगस्त 10 से यहां जमे हैं।
इन्हें केंद्रीय मंत्री का पद हासिल हैं। यह सभी समस्तीपुर जिला के लिये स्थानांतरित हैं। वहीं, सिपाही (844) मदन किशोर सिंह 19 सितंबर 12 से अबतक यहां विराजमान हैं। इन्हें मधुबनी जिला के लिये विरमित किया गया था। यह कार्यकारिणी सह प्रबंधकारणी पद पर आसीन हैं।
सूत्रों का कहना हैं कि इनके अलावे भी कई पुलिस कर्मी ऐसे हैं जिनका जिला और क्षेत्रा अवधि पूरा हो चुका हैं लेकिन जिला में तैनात हैं।
सबसे अहम पहलू यह हैं कि चुनाव से पहले इन्हें पुलिस मुख्यालय के आदेश से विरमित किया गया। लेकिन, विरमित हुए जिला में इन्होंने योगदान नहीं देकर वरीय सारे पुलिस पदाधिकारियों के आदेश को ठेंगा बता दिया। और, चुनाव लड़कर सभी पद पर आसीन हो गए।
एसएसपी ने आईजी को लिखे पत्र में स्पष्ट कहा था कि पुलिस मुख्यालय पटना ने अपने पत्रांक 95/पी 3के माध्यम से निर्देशित किया था कि जिला अवधि/क्षेत्राअवधि पूर्ण होने के आधार पर चुनाव में भाग नहीं लेना हैं। बावजूद, इन लोगों की ओर से चुनाव में भाग लेना वरीय पुलिस पदाधिकारी की अवहेलना हैं।
एसएसपी ने आईजी को लिखे पत्र में कहा है कि यह चुनाव अवैध हैं। एसएसपी ने आईजी को पत्र के माध्यम से यह भी अनुरोध किया कि इस चुनाव को रद करने की अनुमति दी जाय और एक बार नहीं कई पत्रों के माध्यम से एसएसपी ने आईजी को अवगत कराया।
लेकिन, दरभंगा आईजी अबतक इसे अनदेखा करते रहें हैं। कई ऐसे मामले सामने आ रहें हैं, जिसमें दरभंगा आईजी की भूमिका संदिग्ध हैं। ऐसे में यह भी कहा जा सकता हैं कि दरभंगा एसएसपी इस चुनाव को अवेध ठहराते हुये इन सिपाहियों के स्थानांतरण के लिये आईजी से अनुरोध कर रहें हैं लेकिन दरभंगा आईजी इस मामले में कुंडी मारकर बैठे हुये हैं।
ऐसे में एक सिपाही के सामने एसएसपी का कद छोटा दिखाई पड़ रहा हैं। यही हालात अगर पुलिस विभाग का रहा तो वह दिन दूर नहीं जब पुलिस विभाग में चल रहें अनुशासन का मटिया मेट हो जाएगा।
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