जाले में बड़ी हलचल है भाई…नगर परिषद बनने से कही वाह कही आह के बीच जोगियारा को नगर परिषद में शामिल करने की मांग उठने लगी है। वहीं, कटरौल बसंत को नगर परिषद से मुक्त करने की मांग भी होने लगी है। पढ़िए पूरी खबर
प्रदेश सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों को नगर पंचायत नगर परिषद की दर्जा देने के बाद आस-पड़ोस के पंचायतों को जाले नगर परिषद में शामिल किए जाने की मांग उठने लगी है। वहीं, शामिल किए पंचायत वार्ड से आपत्ति के स्वर गूंजने लगे हैं।
राज्य में शहरी कारण की धीमी रफ्तार को देख सरकार ने महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य के विकसित ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी कारण किए जाने में जाले को नगर परिषद में शामिल करने के फैसला के तहत अहर्ता को पूरा करने वाला जाले प्रखंड मुख्यालय और इसके इर्द-गिर्द पंचायतों को शामिल किया गया।
इसमें जोगियारा पंचायत को शामिल नहीं किए जाने पर जोगियारा के नागरिकों ने क्षोभ व्यक्त किया है। इस आलोक में श्याम कुमार सिंह, भोला सिंह समेत दर्जनों नागरिकों ने क्षोभ-व्यक्त करते हुए संबंधित नगर विकास विभाग के पास आपत्ति दर्ज कराया है।
आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है, जाले और जोगियारा एक दूसरे का न केवल पूरक है बल्कि जाले का रेलवे स्टेशन जोगियारा है, यहां से प्रखंड मुख्यालय महज एक किमी है। यही नहीं, पूर्व में प्रखंड मुख्यालय जोगियारा में ही था, जिसे अभी भी पुरानी ब्लॉक कहा जाता है।
जोगियारा गांव नगर परिषद में शामिल होने का सभी अहर्ताओ को पूरा करता है इसके बावजूद जोगियारा को नगर परिषद में नहीं रखने पर लोगो ने आश्चर्य व्यक्त किया है।
वहीं,जाले नगर परिषद क्षेत्र में करतौल बसंत पंचायत के तीन वार्ड को शामिल किए जाने पर कतरौल बसंत के मुखिया अमरनाथ महतो और जिला परिषद की नव निर्वाचित सदस्य समता कुमारी व समाजसेवी धींरेद्र कुमार ने आपत्ति
व्यक्त की है।
इनका कहना है, इन दोनों पंचायत प्रतिनिधियों के आवासीय क्षेत्र को नगर परिषद जाले में शामिल करने से इनके क्षेत्र का विकास अवरूद्ध होगा।