दरभंगा, 31 मार्च।विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि अपनी मातृभाषा से जुड़े बगैर क्षेत्र का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। लिहाजा अति-आवश्यक है कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे जनगणना में समस्त मिथिलावासी एवं प्रवासी मैथिल, मातृभाषा (Janaganana mein anivarya) के कॉलम में अनिवार्य रूप से अपनी मातृभाषा मैथिली को दर्ज करावें।
उन्होंने बताया कि जनगणना में शत-प्रतिशत मैथिली भाषियोंं द्वारा अपनी मातृभाषा मैथिली दर्ज किए जाने को लेकर जन जागरण अभियान की शुरुआत विगत 28 मार्च को समस्तीपुर के रोसड़ा प्रखंड से हो चुका है। जो अगले एक महीने तक मिथिला के हर गांव और टोला स्तर तक चलाया जाएगा। मौके पर उन्होंने गुरुवार को उनके पैतृक गांव आनंदपुर सहोड़ा सहित निकासी, शुभंकरपुर, कलिगांव एवं टटुआर आदि गांवों में जन जागरण अभियान चलाए जाने की जानकारी (Janaganana mein anivarya) दी।
मौके पर मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने कहा कि बदलते राजनीतिक परिदृश्य में मिथिला क्षेत्र की सीमा को लेकर जबरदस्त साजिश हो रही है। ऐसे में संख्या बल के आधार पर संवैधानिक अधिकार में हिस्सेदारी का प्रभावित होना अवश्यंभावी है। उन्होंने जनगणना में सभी मैथिली भाषी लोगों से अपनी मातृभाषा मैथिली दर्ज करने की अपील करते हुए कहा कि सही मायने में यह मिथिला एवं मैथिली के लिए षड्यंत्र करने वाले लोगों के लिए माकूल मुंहतोड़ (Janaganana mein anivarya) जवाब होगा।
डाॅ अमलेन्दु शेखर पाठक ने कहा कि कोई भी भाषा क्षेत्र विशेष की होती है, ना कि किसी जाति विशेष की। इसलिए भाषा को लेकर बिना किसी के बहकावे में आए उन्होंने लोगों से जनगणना में मातृभाषा के रूप में मैथिली भाषा का विकल्प चुनने का आम मैथिलों से अपील किया। सीएम लॉ कॉलेज के प्रधानाचार्य डाॅ बदरे आलम ने कहा कि किसी भी जुबान (Janaganana mein anivarya) की हिफाज़त करना संवैधानिक अधिकार है और किसी भी जागरूक नागरिक द्वारा अपनी मादरे जुबान से मुंह मोड़ना अपनी मां के अपमान समान है।