कुशेश्वरस्थान पूर्वी | कोसी और कमला बलान नदी के जलस्तर में गिरावट के चलते प्रखंड के तटबंध से पूरब बसे चारों पंचायत के लोग थोड़ी राहत की सांस लेने लगे हैं।
बुधवार को एसडीओ शशांक राज, सीओ गोपाल पासवान और बीडीओ प्रभा शंकर मिश्रा ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
बाढ़ प्रभावित गांव और स्थिति
इटहर पंचायत: चौकीया, लक्षमीनिया
उजुआ सिमरटोका पंचायत: कोदरा, बुढ़िया सुकराती, झाझा
उसरी पंचायत: छोटकी कोनिया और आसपास के निचले इलाके
इन लगभग 50 से अधिक घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। हालांकि, जलस्तर घटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे अब फसल के बड़े नुकसान की आशंका कम हुई है।
यातायात और राहत कार्य
इटहर, चौकीया, लक्षमीनिया, बलथरवा, कोदरा, झाझा, बुढ़िया सुकराती, भरैन मुशहरी गांवों में सड़कों पर पानी चढ़ जाने से यातायात प्रभावित है।
लोगों को नाव के माध्यम से ही गांव से बाहर निकलना पड़ रहा है।
फुहिया में स्लूइस गेट बंद रहने के कारण कमला और जीबछ नदी का पानी नहीं निकास पा रहा, जिससे सुघराईन पंचायत में स्थिति गंभीर बनी हुई है।
प्रशासन का हाल और राहत कार्य
एसडीओ, सीओ और बीडीओ ने बाढ़ प्रभावित उसरी, उजुआ सिमरटोका और तिलकेश्वर पंचायत के आधा दर्जन गांवों का दौरा किया।
सीओ गोपाल पासवान ने बताया कि अभी तक किसी भी परिवार को विस्थापित नहीं किया गया है।
गैईजोरी, सपही, चौकीया, लक्षमीनिया, भरैन मुसहरी जैसे गांवों में सामुदायिक किचन चालू हैं, जिसमें बाढ़ पीड़ितों को पका भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्य संदेश
जलस्तर में गिरावट से बाढ़ प्रभावितों को राहत मिली है, लेकिन सड़कों पर पानी और खेतों में फैली फसल की समस्या अब भी बनी हुई है। प्रशासन का सतत निगरानी और राहत कार्य जारी है।