प्रभाष रंजन, दरभंगा। राष्ट्रीय नवजात शिशु फोरम (NNF) की बिहार शाखा के तत्वावधान में छठा ईस्ट ज़ोन नियोकॉन 2025 का आयोजन 11 और 12 अक्टूबर को होटल मौर्या, पटना में किया जा रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स।
सम्मेलन का उद्देश्य
पूर्वोत्तर भारत — बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा — में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करना चुनौतीपूर्ण रहा है। सीमित संसाधन, संक्रमण, कम जन्म वजन और समयपूर्व जन्म जैसे कारण इस क्षेत्र में चिंता का विषय हैं।
पटना में आयोजित यह सम्मेलन चिकित्सा जगत के लिए ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञ “लो कॉस्ट, हाई इम्पैक्ट इंटरवेंशन्स” जैसी रणनीतियों पर चर्चा करेंगे ताकि नवजात मृत्यु दर में प्रभावी कमी लाई जा सके।
सम्मेलन का थीम
“बचपन की पहली सांस से जीवन की पूर्णता तक गुणवत्तापूर्ण नवजात देखभाल।”
प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप्स
सम्मेलन से पूर्व 10 अक्टूबर को तीन विशेष वर्कशॉप्स आयोजित की गईं, जिनमें नवजात शिशु देखभाल से जुड़े चिकित्सकों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण दिया गया।
QRNP वर्कशॉप, मेडिकल हेल्थ स्टूडियो अस्पताल, कारगिल चौक:
45 चिकित्सकों ने एडवांस पुनर्जीवन, एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन, ब्लड सेल्स लाइन, ऑक्सीजन मॉनीटरिंग का प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षक थे: एम्स भुवनेश्वर के डॉ. जगदीश साहू, एनएनएफ के डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. सुशील पाठक, डॉ. सरोज कुमार, डॉ. दीपेंद्र कुमार एवं डॉ. सौरभ कुमार।टाइनी हैंड बिग होप: ऑप्टिमिस्टिक प्रीटर्म केयर, एम्स पटना:
20 नवजात शिशु विशेषज्ञों ने समयपूर्व जन्म लेने वाले शिशुओं के लिए विशेष देखभाल का प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षक थे: डॉ. भावेश कांत चौधरी, डॉ. रामेश्वर प्रसाद, डॉ. अरुण प्रसाद, डॉ. किरण शंकर दास, डॉ. ऋषभ पुगलिया, डॉ. नीरज मिश्रा, डॉ. केशव कुमार पाठक एवं डॉ. प्राची।एडवांस वेंटिलेशन वर्कशॉप, महावीर वात्सल्य अस्पताल:
20 प्रशिक्षणार्थियों ने वेंटिलेशन मशीन द्वारा श्वास संबंधी बीमारियों से जूझ रहे नवजात शिशुओं को सांस दिलाने की तकनीक सीखी। प्रशिक्षक थे: रांची के रानी हॉस्पिटल के डॉ. राजेश कुमार, डॉ. रणदीप कुमार, एम्स पटना की डॉ. रीचि दलाई, डॉ. श्रेया, डॉ. विनय रंजन, डॉ. विवेक पांडेय, डॉ. रूपेश कुमार एवं डॉ. अमित कुमार। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स।
उद्घाटन और संदेश
मेडिवल हॉस्पिटल में उद्घाटन सत्र के दौरान डॉ. निगम प्रकाश नारायण और आयोजन सचिव डॉ. श्रवन कुमार ने एनएनएफ की इस पहल की सराहना की।
आयोजन अध्यक्ष डॉ. ए के जायसवाल ने आशा व्यक्त की कि इन प्रशिक्षणों के बाद बिहार में नवजात शिशु देखभाल में सुधार होगा।