दरभंगा | जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु शर्मा के निर्देशानुसार महादलित एवं अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस पहल का उद्देश्य छूटे हुए परिवारों की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जोड़कर उन्हें आर्थिक विकास के अवसर प्रदान करना है।
महिलाओं को जोड़ा जाएगा स्वयं सहायता समूहों से
- जीविका की इस पहल के तहत उन महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जोड़ा जाएगा, जो अब तक इनसे नहीं जुड़ पाई हैं।
- डीपीएम डॉ. ऋचा गार्गी ने बताया –
जीविका ने हमेशा से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया है।
- पहले भी इस दिशा में कई सफलताएँ मिली हैं, लेकिन अभी भी कई महिलाएँ इससे वंचित हैं, जिन्हें इस अभियान के तहत जोड़ा जाएगा।
कैसे चलेगा विशेष अभियान?
प्रशिक्षण पदाधिकारी कुमार उत्तम के अनुसार, अभियान को प्रभावी बनाने के लिए पंचायत और राजस्व गाँवों में विशेष सर्वेक्षण किया जाएगा।
- पहचान की जाएगी:
- उन टोलों (बस्तियों) की पहचान होगी, जहाँ महिलाएँ अभी तक समूहों का हिस्सा नहीं बनी हैं।
- चिन्हित परिवारों की महिलाओं को समूहों में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
- नए समूहों का गठन:
- पहले से गठित समूहों में महिलाओं को जोड़ने के साथ नए समूहों का भी गठन किया जाएगा।
- स्थानीय संगठनों की भागीदारी:
- ग्राम संगठन, संकुल स्तरीय संगठन और सामुदायिक उत्प्रेरक (CM) इस अभियान को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएँगे।
- जीविका मित्र, ग्राम संगठन लेखापाल (VO-BK) जैसी इकाइयाँ यह सुनिश्चित करेंगी कि कोई भी योग्य महिला इस अभियान से छूटने न पाए।
- इन कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए संबंधित संवर्गों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
बैंकिंग और प्रशिक्षण से बढ़ेगी आत्मनिर्भरता
संचार प्रबंधक राजा सागर ने बताया कि –
- नए गठित स्वयं सहायता समूहों का बैंक खाता एक माह के भीतर खोला जाएगा।
- हर नए सदस्य को आधारभूत प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
- परिक्रमी निधि एवं आरंभिक पूंजीकरण निधि का हस्तांतरण कर महिलाओं को आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता दी जाएगी।
जीविका का लक्ष्य – हर महिला बने आत्मनिर्भर
इस विशेष पहल के माध्यम से जीविका का लक्ष्य है कि हर महादलित और अल्पसंख्यक महिला को संगठित कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए।
- यह अभियान गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
- राज्य में महिलाओं के रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर खुलेंगे, जिससे सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
यह अभियान दरभंगा समेत पूरे बिहार में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।