दरभंगा। नए साल 2025 में जिले के सभी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति और इको क्लब के गठन को लेकर शिक्षा विभाग पूरी तरह सक्रिय हो गया है।
- शिक्षकों की नियुक्ति: जिले के स्कूलों में विषयवार पर्याप्त शिक्षक मिलने से छात्रों की पढ़ाई बेहतर होगी।
- इको क्लब की शुरुआत: पर्यावरणीय गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इको क्लब की स्थापना की योजना बनाई गई है।
नई शिक्षा नीति और इको क्लब का महत्व
इको क्लब का गठन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य बच्चों में:
- पर्यावरणीय जिम्मेदारी: छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक बनाना।
- नेतृत्व क्षमता का विकास: जीवन कौशल और नेतृत्व क्षमताओं का संवर्धन।
इको क्लब के लिए सरकार की तैयारी
- समग्र शिक्षा योजना: भारत सरकार ने इको क्लब गतिविधियों के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं।
- विभाग की सक्रियता: शिक्षा मंत्रालय द्वारा अनुमोदित इन गाइडलाइंस के अनुसार, दरभंगा में इको क्लब की स्थापना की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
- डीपीओ का प्रयास: समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ मो. जमाल मुस्तफा इस योजना पर मेहनत कर रहे हैं।
- डीईओ की निगरानी: जिला शिक्षा अधिकारी कृष्णनंद सदा प्रतिदिन प्रगति का अनुश्रवण कर रहे हैं।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या में पर्यावरण शिक्षा
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या में स्कूली शिक्षा के अंतर्गत:
- पर्यावरणीय शिक्षा का महत्व: प्रदूषण, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता और संरक्षण जैसे विषयों पर जोर दिया गया है।
- पाठ्यक्रम में समावेशन: पाठ्यक्रम में पर्यावरणीय शिक्षा को सम्मिलित करने का प्रावधान है।
मशाल प्रतियोगिता
इको क्लब के साथ मशाल प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा, जिसका उद्देश्य बच्चों में सामुदायिक भागीदारी और पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाना है।
निष्कर्ष
नए साल में शिक्षक नियुक्ति और इको क्लब की स्थापना जैसे प्रयास शिक्षा के साथ-साथ छात्रों में सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे न केवल पढ़ाई में सुधार होगा, बल्कि बच्चों के नेतृत्व कौशल और जीवन कौशल का भी विकास होगा।