गया जिला में बोधगया थाना की पुलिस को सफलता हाथ लगी है। बोधगया पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर अंतरराष्ट्रीय मूर्ति तस्कर गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। साथ ही पुलिस ने तस्करों के पास से 6 मूर्तियों के अलावा मंदिरों के 4 प्राचीन स्तूप भी बरामद किया हैं।
जानकारी के अनुसार, गया पुलिस ने मूर्ति तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए नेपाल के रास्ते विदेशों में भगवान बुद्ध की मूर्ति को बेचने के पिछले 10 वर्षो से चल रहे कारोबार में ब्रेक लगा दिया है। गिरोह जुड़े पांच मूर्ति तस्कर को गया पुलिस ने धर दबोचा है। पकड़े गए गिरोह के सदस्य बिहार के अलग-अलग जिले के रहने वाले हैं, जो ज्ञान की भूमि पर मूर्ति को डील करने के लिए बोधगया में एकत्रित हुए थे।
गया के सीटी एसपी राकेश कुमार ने सोमवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बोधगया के कुछ मूर्ति तस्कर चोरी की मूर्तियों की खरीद-बिक्री करने वाले हैं। जिसके बाद बोधगया डीएसपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
टीम द्वारा बोधगया के मस्तपुरा गांव में छापामारी कर मूर्ति तस्कर घूंघर चौधरी को गिरफ्तार किया गया।उसके साथ पुलिस ने दो प्राचीन मूर्ति और चार स्तूपों के साथ चार लोगों को भी गिरफ्तार किया। गिरफ्तार मूर्ति तस्कर मूर्तियों की तस्करी के लिए पटना से बोधगया आए थे।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार मूर्ति तस्करों के पास से भूमि स्पर्श मुद्रा में बैठे भगवान बुद्धा की चार मूर्तियां, पद्मासन में बैठे भगवान बुद्धा की एक मूर्ति, मथुरा शैली की भगवान बुद्धा के सर की एक मूर्ति, चार मंदिरों के प्राचीन स्तूप, 3 मोबाइल फोन व एक कार बरामद किया गया है।
गिरफ्तार मूर्ति तस्करों में नालंदा जिला के सिलाव थाना क्षेत्र के सिमा गांव निवासी मो. शमशाद, गया जिला के बोधगया थाना क्षेत्र के मस्तपुरा निवासी घूंघर चौधरी, पटना जिला के दानापुर उसरी निवासी अमित कुमार, कटिहार जिला के ड्राइवर टोला निवासी अरविन्द दास व नवादा जिला के बुंदेलखंड थानांतर्गत अफजलनगर, पावनवाड़ा निवासी मो. सोनू शामिल है।
गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान पता चला कि सिलाव थाना क्षेत्र के सिमा निवासी मो. इदरीश इससे पहले भी चार बार प्राचीन मूर्तियों की चोरी और डकैती केस में जेल जा चुका है। उसके मोबाइल से कई प्राचीन मूर्तियों की तस्वीर व डिटेल भी पुलिस को मिला है।पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह प्राचीन चोरी की मूर्तियों का कारोबार करता है और उसे नेपाल के रास्ते अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भेजता है।
इसके पहले वह वर्ष 2012 से 2019 के बीच फतेहपुर, कतरीसराय, राजगीर व दीपनगर थाना से मूर्ति तस्करी व डकैती के मामले में जेल जा चुका है।घूंघर चौधरी पिछले 8-10 साल से बोधगया में मूर्ति व पुराने सामानों की दुकान चलता है। इसी दौरान वह वाराणसी के एक मूर्ति तस्कर के संपर्क में आया और मूर्तियों की तस्करी शुरु कर दी। घूंघर चौधरी इससे पहले मुगलसराय, दिल्ली, दाउदनगर और गया में मूर्ति तस्करी के आरोप में जेल जा चुका है।