उत्तर बिहार के दस जिलों में शनिवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। सभी जिलों में मेघ गर्जन और वज्रपात का अलर्ट है। गंगा का जलस्तर खतरा के निशान को पार कर जाने से एक ओर बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। वहीं,मौसम विभाग ने 27 एवं 28 अगस्त को बिहार के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और वज्रपात की संभावना व्यक्त करते हुए अलर्ट जारी किया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव से मिले निर्देश एवं मौसम विभाग की जानकारी के आधार पर सभी जिलों में अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। 27 एवं 28 अगस्त को हिमालय के तलहटी इलाकों एवं राज्य के निकटवर्ती जिलों में भारी से भारी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है। इसके साथ ही भारी वर्षा के कारण नदियों के समीपवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति की भी संभावना व्यक्त की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना की ओर से पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, कटिहार, अररिया, किशनगंज, मधुबनी, सुपौल और पूर्णिया में बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इन दस जिलों में एक या दो स्थानों पर 24 घंटों में 120 मिमी से भी अधिक बारिश हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी उक्त पूर्वानुमान एवं चेतावनी के आलोक में आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारी की गई है। सभी संबंधित व्यक्तियों, एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रहने का आदेश दिया गया है। साथ ही 28 अगस्त को भागलपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार और बांका जिले में एक या दो स्थानों पर बहुत भारी बारिश की संभावना है। शनिवार और रविवार को पटना सहित दक्षिण बिहार में बारिश की तीव्रता और मात्रा उत्तर बिहार की अपेक्षा कम रहेगी, लेकिन कुछ जगहों पर बादलों के घनीभूत होने की वजह से मध्यम दर्जे की बारिश का अनुमान हैं।
मौसमविदों के अनुसार दक्षिण झारखंड और उसके आसपास बना चक्रवाती परिसंचरण का क्षेत्र अब दक्षिण पूर्वी उत्तरप्रदेश और उसके आसपास शिफ्ट कर गया है। साथ ही मानसून ट्रफ सुल्तानपुर, डेहरी, पुरुलिया और डेहरी से होकर उत्तर पूर्वी बंगाल की खाड़ी क्षेत्र तक जा रही है। इस वजह से बारिश का सिस्टम सक्रिय रहने के आसार है।
वहीं, बेगूसराय के डीएम रोशन कुशवाहा ने अपील किया है कि सभी लोग मौसम विभाग का अपडेट लेते रहें, जारी किए गए निर्देशों का पालन करें। सतर्क रहें सुरक्षित रहें। डीएम ने कहा कि किसी भी स्थिति में लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, जिला प्रशासन ने बाढ़ पूर्व तैयारी पहले ही कर ली है। नदियों के तटबंध की निगरानी की जा रही है, लगातार अपडेट ले रहे हैं।