जयनगर | अयोध्या में बीते 22 जनवरी को भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही उनके ससुराल जनकपुर धाम का भी महत्व बढ़ गया है। बीते 2 महीने में जनकपुर धाम में देश-विदेश सहित भारतीय क्षेत्र के दक्षिण राज्यों के श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
यह जानकारी जानकी मंदिर के पुरोहित ऋषिकेश दास ने देते हुए बताया।उन्होंने बताया कि नेपाल की अर्थव्यवस्था का आधार पर्यटन है।भारत में राम मंदिर के निर्माण के बाद जनकपुर में श्रद्धालुओं की आमद बढ़ेगी और इससे जनकपुर और ज्यादा समृद्ध होगा।
राम मंदिर निर्माण होने से भारत एवं नेपाल के रिश्ते में अटूट मजबूती के साथ दोनों देश के बीच आस्था के महासंबंध के नए रूप में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। विश्व के मानचित्र पर भगवान राम एवं सीता माता के आध्यात्मिक एवं धार्मिक महत्व से एक नया अध्याय जुड़कर आम लोगों को रामायण सर्किट की जानकारी मिलेगी एवं विश्व का कल्याण होगा।
जनकपुर के जानकी मंदिर परिसर में माता सीता से जुड़ी यादों का संग्रहालय श्रद्धालुओं के रामायण से जोड़ने का काम करेगा। इसके प्रथम तल पर आर्टिफिशियल ढंग से राजा जनक सहित माता सीता के बालपन रूप,फूलहर लीला,शिवधनुष पूजा,सहेलियों के साथ खेलकूद,राम के दर्शन, स्वयंवर,वरमाला,विवाह मंडप सहित अन्य लीलाओं को इलेक्ट्रॉनिक आकृतियों से दिखाई जा रही। है।वहीं निचले तल पर माता सीता की जुड़ी यादें वस्त्र,जेवर,कला,चित्र सहित अन्य से रामायण एवं माता सीता की धरोहर को जानने का मौका मिल रहा है।
भगवान श्रीराम की शादी माता जानकी से जनकपुर के राम जानकी मंदिर में हुई थी, इसलिए हमारे बीच जो गहरा संबंध है वो सांस्कृतिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। उसको और मजबूत करने के लिए हम प्रयत्नशील हैं। हम लोग धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहे हैं।भारत और नेपाल के बीच बहुत ही गहरा सांस्कृतिक संबंध रहा है। दोनों सरकारों के बीच ही नहीं बल्कि जनता के बीच में भी उतना ही गहरा संबंध रहा है।