मधुबनी के राजनगर से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर है। राजनगर प्रखंड के परिहारपुर गांव के मनीष झा ने ट्रैकिंग का नया विश्व कीर्तिमान बनाया है। मनीष झा ने बीते आठ मार्च को उतराखंड के उत्तरकाशी में समुद्रतल 12 हजार सात सौ फीट उंचाई पर स्थित ब्रहमताल पहाड़ की चोटी पर न्युनतम अवधि में ट्रैकिंग के माध्यम से फतह हासिल कर यह रिकार्ड बनाया है।
मनीष का बचपन मुंबई में बीता है। वहीं से उन्होंने दसवीं तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की| उन्होंने चेतना कॉलेज, बांद्रा से बीकॉम एवं मुंबई यूनिवर्सिटी से बीपीटी (बैचलर ऑफ़ फिजियोथेरापी) की है। परिहारपुर गांव निवासी मनीष झा के पिता गणपत झा निजी कंपनी में वाहन चालक हैं। मनीष का परिवार मुंबई के वसई में रहता है। जहां पास में ही सह्याद्री माउंटेन फारेस्ट रेंज स्थित है। वहां सालों भर पर्यटक ट्रैकिंग के लिए आते हैं। उन्हें देखकर मनीष के मन में भी ट्रैकिंग के प्रति रूचि जागृत हुई। मनीष का सपना माउंट एवरेस्ट की ट्रैकिंग कर चोटी तक पहुंचने का है।
इससे पहले चार फरवरी को भी मनीष झा ने उत्तराखंड प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 12 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारकांठा पहाड़ी को न्यूनतम अवधि में ट्रैकिंग के माध्यम से फतह किया था। आर्मड फ़ोर्स में ट्रेनर (फॉरेस्ट सर्वाइवल) के पद पर कार्यरत मनीष झा ने ट्रैकिंग का यह विश्व कीर्तिमान सांकरी बेस कैंप से केदारकांठा समिट (चोटी) तक की ऊंचाई पर महज आठ घंटा 27 मिनट की अवधि में पहुंच कर बनाया था।
इधर, जो न्यूनतम जानकारी है उसके अनुसार,बीते आठ मार्च को उतराखंड के उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 12 हजार सात सौ फीट की उंचाई पर स्थित ब्रह्मताल ट्रेकिंग का आयोजन किया गया था। यह आयोजन इकॉन एम्बेस्डर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड (यूरोपियन युनियन) लंदन की ओर से किया गया था।
इसमें मनीष झा ने महज सात घंटा 52 मिनट की न्यूनतम अवधि में ब्रह्मताल पहाड़ की चोटी पर पहुंचकर यह कीर्तिमान बनाया है। मनीष आर्म्स फोर्स में आउटसोर्स ट्रेनर के रूप में कार्यरत हैं। उनके साथ ट्रैकिंग में भाग लेने वाले हरियाणा के अभिषेक मेहता ने भी यह कीर्तिमान बनाया है।
उस दौरान भारी हिमपात तथा हाड़ कंपा देने वाली माइनस 20 डिग्री तापमान के बीच मनीष ने यह कारनामा कर दिखाया। केदारकांठा ट्रैकिंग का आयोजन चार जनवरी को इकॉन एम्बेसेडर बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड (यूरोपियन यूनियन),लंदन की ओर से किया गया था।
मनीष इससे पहले 2018 में कर्नाटक के मन्नाड में आयोजित अल्ट्रा ट्रेल मैराथन के 110 किमी दौड़ में शामिल हो चुके है। इसके अलावे मनीष ने 26/11 आतंकी हमला में सीने में चार गोली खाने वाले नौ सैनिक प्रवीण तेवरिया समेत अन्य कई के साथ नवम्बर 2021 में नई दिल्ली के इंडिया गेट से मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया तक 15 सौ किमी की पैदल यात्रा 15 दिन में पूरा किया था।
मनीष ने दिसंबर 2021 में भी केदारकांठा पहाड़ी को फतह करने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे थे। मनीष ने हिम्मत नहीं हारी और चार जनवरी को इस पहाड़ी की ट्रैकिंग कर नया इतिहास रच दिया। इससे पूर्व केदारकांठा पहाड़ी की ट्रैकिंग का विश्व कीर्तिमान ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) के स्टीव हार्पोसिस के नाम था। उन्होनें सितम्बर 2014 में इस पहाड़ी की चोटी को 13 घंटा 32 मिनट में फतह कया था। ट्रैकिंग के दौरान शेरपा डिस्कवरी हाईक के दुर्गा राणा मनीष के साथ थे। उन्होंने मनीष के पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाई।
उस दौरान मनीष ने कहा था, आयोजक मंडल द्वारा ट्रैकर की कलाई पर गार्मिंग वाच लगा दी जाती है। जिसके माध्यम से ट्रैकिंग में लगने वाले समय की गणना की जाती है। बता दें कि मनीष को 2018 में कर्नाटक के मन्नाड में अल्ट्रा ट्रेल मैराथन में आयोजित 110 किमी दौड़ में भारत का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हासिल है।




 
